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    ब्रिटेन के साथ FTA से भारत को भारी नुकसान, पहले साल उठाना होगा ₹4060 करोड़ का घाटा, जानें क्यों

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 03:50 PM (IST)

    ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) के पहले साल में भारत को लगभग 4060 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क राजस्व का नुकसान हो सकता है क्योंकि कई वस्तुओं पर शुल्क कम या समाप्त हो जाएगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार 10वें साल तक घाटा बढ़कर 6345 करोड़ तक पहुंच सकता है। ब्रिटेन 99% भारतीय उत्पादों पर शुल्क हटाने को तैयार है जिससे उसे भी नुकसान होगा।

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    ब्रिटेन के साथ एफटीए से भारत को 4060 करोड़ का घाटा

    नई दिल्ली। ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के पहले साल में भारत को 4,060 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क राजस्व (Custom Revenue) का नुकसान होने का अनुमान है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई वस्तुओं पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया गया है। आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (GTRI) की सोमवार को जारी कैलकुलेशन ब्रिटेन से मौजूदा आयात आंकड़ों पर आधारित है।

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    इसमें कहा गया कि 10वें साल तक, जैसे-जैसे शुल्क उन्मूलन (Fee Elimination) चरणबद्ध तरीके से व्यापक रूप से लागू होगा वित्त वर्ष 2024-25 के व्यापार की मात्रा के आधार पर वार्षिक घाटा बढ़कर 6,345 करोड़ रुपये या लगभग 57.4 करोड़ ब्रिटिश पाउंड तक पहुंचने का अनुमान है।

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    दोनों ही देशों पर पड़ेगा असर

    जीटीआरआई ने कहा कि 24 जुलाई को हुए भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के सीमा शुल्क राजस्व में कमी आएगी, क्योंकि विभिन्न वस्तुओं पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया गया है। भारत ने 2024-25 में ब्रिटेन से 8.6 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया। इन आयात में औद्योगिक उत्पादों का बड़ा हिस्सा शामिल है और इन पर 9.2 प्रतिशत का भारित औसत शुल्क था।

    व्हिस्की व जिन जैसी वस्तुओं को छोड़कर अधिकतर कृषि उत्पादों, जिन पर 64.3 प्रतिशत का औसत शुल्क लगता है, उसे शुल्क कटौती से बाहर रखा गया है। इसमें कहा गया है कि भारत ने ब्रिटेन से आयातित वस्तुओं के मूल्य के 64 प्रतिशत पर शुल्क को लागू होते ही तुरंत समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है।

    85% शुल्क कैटेगरियों पर खत्म होंगे चार्ज

    कुल मिलाकर, भारत 85 प्रतिशत शुल्क कैटेगरियों पर शुल्क समाप्त कर देगा और 5 प्रतिशत शुल्क कैटेगरियों या उत्पाद कैटेगरियों पर इसे कम करेगा। जीटीआरआई फाउंडर अजय श्रीवास्तव के अनुसार इन फैक्टर्स के आधार पर, समझौते के पहले वर्ष में भारत का अनुमानित रेवेन्यू नुकसान 4,060 करोड़ रुपये है।

    उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में ब्रिटेन ने भारत से 14.5 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया, जिस पर भारित औसत आयात शुल्क 3.3 प्रतिशत था।

    99% भारतीय उत्पादों पर शुल्क हटाएगा ब्रिटेन

    व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) के तहत ब्रिटेन ने 99 प्रतिशत भारतीय उत्पादों पर शुल्क हटाने को लेकर सहमति व्यक्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे ब्रिटेन को 37.5 करोड़ ब्रिटिश पाउंड (या 47.4 करोड़ डॉलर या 3,884 करोड़ रुपये) का अनुमानित वार्षिक राजस्व नुकसान होगा, जो वित्त वर्ष 2024-25 के व्यापार आंकड़ों पर आधारित है।

    जैसे-जैसे ब्रिटेन को भारतीय निर्यात बढ़ेगा, समय के साथ राजकोषीय प्रभाव बढ़ने का अनुमान है। इस समझौते को लागू होने में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है क्योंकि इसके लिए ब्रिटेन की संसद से मंजूरी की आवश्यकता होगी।