'कार और शराब के शुल्क में होगी कटौती', ब्रिटेन के साथ हुए FTA पर बोले पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते में भारतीय हितों को प्राथमिकता दी गई है जिससे व्यापक लाभ होगा। समझौते में संवेदनशील उत्पादों को दूर रखा गया है। भारत ब्रिटेन से आने वाली कारों और शराब पर शुल्क में कटौती करेगा लेकिन आयात सीमित रहेगा ताकि घरेलू निर्माण प्रभावित न हो।

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते में भारतीय हितों के साथ जीरो समझौता किया गया। इससे हमें व्यापक लाभ मिलेगा। ब्रिटेन के बाजार में संभावित मौकों का लाभ उठाने के लिए जमीन तैयार करने का काम शुरू हो गया है।
एफटीए अमल के पांच साल बाद दोनों देश समझौते की समीक्षा करेंगे। गोयल ने कहा कि समझौते में दोनों ही देशों ने अपने-अपने संवेदनशील उत्पादों को व्यापार से दूर रखा है। भारत ब्रिटेन से आने वाली कार और शराब दोनों पर चरणबद्ध तरीके से शुल्क में कटौती करेगा और उनका आयात भी सीमित रूप में किया जाएगा। इससे हमारा निर्माण प्रभावित नहीं होगा।
तेज गति से बढ़ रही भारत की अर्थव्यस्था
गोयल ने कहा कि अब हर विकसित देश भारत में अपना कारोबारी भविष्य देख रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ रही है। भारत में काफी तेजी से मध्य वर्ग का प्रादुर्भाव हो रहा है। भारत भरोसेमंद व्यापार सहभागी के रूप में उभर रहा है और सबसे बड़ी बात है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां कानून का राज है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने समझौते के दौरान कहा था कि भारत के साथ व्यापार समझौता हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि अमेरिका, यूरोपीय यूनियन (ईयू), ओमान, न्यूजीलैंड जैसे देशों के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। पेरू, चिली जैसे देशों से भी व्यापार वार्ता हो रही है।
UPA सरकार ने बीच में छोड़ी बातचीत
गोयल ने कहा कि यूपीए सरकार में ही ब्रिटेन के साथ व्यापारिक समझौते पर बातचीत शुरू हुई थी, लेकिन उनकी सरकार ने इसे बीच में ही छोड़ दिया। मोदी सरकार में वर्ष 2022 में इस पर वार्ता शुरू हुई और इसे हमने अंजाम तक पहुंचाया जिससे भारत के निर्यात को बड़ा लाभ मिलने वाला है।
उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में आसियान के साथ अन्य जिन भी देशों के साथ व्यापार समझौते किए गए, उससे भारत को कोई लाभ नहीं मिला। भारतीय वस्तुओं के लिए उन देशों ने अपने दरवाजे काफी कम खोले, जबकि हमने उनके लिए अपना पूरा दरवाजा खोल दिया।
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