'अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में हमने खींच रखी है लक्ष्मण रेखा', विदेश मंत्री एस जयशंकर की ट्रंप को दो टूक
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी है लेकिन भारत ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी सीमाएं तय कर ली हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पर अडिग रहेगा और किसी भी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा। जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ संबंधों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को भी अस्वीकार किया।

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता खत्म नहीं है। यह जारी है। लेकिन, भारत ने किसानों व छोटे कारोबारियों को देखते हुए अपनी तरफ से रेड-लाइन (लक्ष्मण रेखा) खींच रखी है। हम अपने किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे। पिछले एक सप्ताह के दौरान अमेरिका के वाणिज्य मंत्री, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार और कुछ अन्य अधिकारियों द्वारा भारत पर लगाए गए एक-एक आरोप का जयशंकर ने जवाब दिया है।
उन्होंने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर जोर देते हुए कहा कि भारत अपनी नीतियों में किसी बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा और पाकिस्तान के साथ संबंधों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा।
जयशंकर की ट्रंप को दो टूक
रूस से तेल खरीद कर मुनाफा कमाने के ट्रंप प्रशासन के आरोपों पर जयशंकर ने दो टूक कहा कि यह बहुत ही हास्यास्पद है कि जो लोग अमेरिकी प्रशासन के कारोबारी हितों के लिए काम कर रहे हैं, वे हम पर कारोबार करने का आरोप लगा रहे हैं। शनिवार को एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में जयशंकर ने राष्ट्रपति ट्रंप के उस दावे को खारिज किया, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य तनाव को कम करने में भूमिका निभाने की बात कही थी।
विदेश मंत्री ने कहा, लगभग 50 वर्षों से भारत की नीति रही है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में किसी भी प्रकार की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों पर दृढ़ है और बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा।
अमेरिका से जारी है वार्ता
भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी समझौते को लेकर बातचीत जारी है या नहीं, इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वार्ता जारी है। ऐसा नहीं है कि कुट्टी हो गई है। किसी ने वार्ता समाप्त होने की बात नहीं कही है। लेकिन हमने अपनी तरफ सीमा रेखा खींच दी है। उन्होंने भारत की तीन प्रमुख सीमाओं को रेखांकित किया-किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा, राष्ट्रीय हितों के अनुरूप तेल आयात और पाकिस्तान के साथ संबंधों में किसी भी मध्यस्थता का विरोध। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए हालिया टैरिफ को अनुचित और असंगत करार दिया।
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