इन दो सरकारी तेल कंपनियों ने अमेरिका-अबु धाबी से खरीद लाया 50 लाख बैरल क्रूड ऑयल, प्रतिबंध के बाद रूस से बनाई दूरी
दो सरकारी रिफाइनरियों ने रूसी तेल के विकल्प के रूप में हाजिर बाजारों से 50 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने अमेरिकी और अबु धाबी से तेल खरीदा, जबकि मैंगलोर रिफाइनरी ने बसरा मीडियम क्रूड का सौदा किया। यूक्रेन युद्ध के चलते रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसके चलते एमआरपीएल और एचपीसीएल ने रूसी तेल से दूरी बना ली है।

दो सरकारी रिफाइनरियों ने रूसी तेल की आपूर्ति का विकल्प तलाशते हुए टेंडर के जरिये हाजिर बाजारों से 50 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है।
नई दिल्ली। दो सरकारी रिफाइनरियों ने रूसी तेल की आपूर्ति का विकल्प तलाशते हुए टेंडर के जरिये हाजिर बाजारों से 50 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। सूत्रों के मुताबिक, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्प ने जनवरी में आपूर्ति के लिए 20 लाख बैरल अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड और अबु धाबी के मुरबन क्रूड खरीदा है।
एक अधिकारी ने बताया कि मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने एक से सात जनवरी की डिलीवरी के लिए 10 लाख बैरल बसरा मीडियम क्रूड खरीदा है। फिलहाल इस बात पता नहीं चला है कि यह क्रूड किन कंपनियों से खरीदा गया है और किस मूल्य पर इसकी डिलीवरी की जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने के प्रयास के तौर पर वहां की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकाइल पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारतीय रिफाइन विकल्प तलाश रहे हैं। कंपनी ने एक सूत्र ने पिछले महीने कहा था कि एमआरपीएल ने इसमें शामिल जोखिमों के कारण रूसी तेल की खरीद रोक दी है। एचपीसीएल ने भी रूस से आयात रोक दिया है।

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