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    RBI and Indian Rupee: आरबीआई के एक्शन से कैसे प्रभावित होता है रुपया? आगामी MPC बैठक पर सबकी नजरें

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sun, 04 Jun 2023 04:46 PM (IST)

    Role of RBI in Managing Indian Rupee मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में लिए किसी भी फैसले का असर सीधे डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत पर पड़ता है। इसमें फॉरेक्स की भी अहम भूमिका होती है। (फोटो - जागरण ग्राफिक्स)

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    How does the Reserve Bank of India Manage Indian Rupee. Roles and Functions of RBI in Monitoring Indian Currency

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई की ओर से की जाने वाली द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee/MPC) की बैठक इस महीने की शुरुआत यानी 6 जून से लेकर 8 जून को होनी है। इस एमपीसी बैठक में ब्याज दरों को लेकर फैसला किया जाएगा।

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    बता दें, आईबीआई की MPC की बैठक में लिए गए फैसले का सीधा असर डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर पड़ता है।

    क्या होती मॉनेटरी पॉलिसी?

    आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी तय करने के लिए एक निश्चित समय के बाद बैठक होती है। इसमें ब्याज दरों को लेकर फैसला किया जाता है। मॉनेटरी पॉलिसी में केंद्रीय बैंक की ओर से देश में क्रेडिट की उपलब्धता को नियंत्रित किया जाता है। साथ ही देश में महंगाई, फॉरेक्स और आर्थिक गतिविधियों को काबू करने के लिए ये आरबीआई का एक महत्वपूर्ण टूल होता है।

    कैसे RBI MPC का रुपये की कीमत पर पड़ता है असर?

    मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई के हर एक्शन का रुपये की कीमत पर सीधा प्रभाव पड़ता है। जब भी आरबीआई की ओर से ब्याज दरों को बढ़ाया जाता है, तब देश में आर्थिक गतिविधियों में धीमापन आता है। इससे रुपये की मांग अन्य विदेशी मुद्रा के मुकाबले कम हो जाती है। इस का डॉलर जैसी बड़ी करेंसी मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट आती है।

    2022 में ब्याज दर बढ़ने के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव देखा गया था और 80 के स्तर ने ऊपर पहुंच गया।

    वहीं, जब भी आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में छूट दी जाती है तो देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती हैं और रुपये की मांग बढ़ जाती है। इससे रुपये की मांग बढ़ जाती है और डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू में इजाफा होता है।

    आरबीआई नें ब्याज दरों को 2.5 प्रतिशत बढ़ाया

    महंगाई को काबू करने के लिए मई 2022 के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। पिछले साल मई में 0.40 प्रतिशत, जून में 0.50 प्रतिशत, अगस्त में 0.50 प्रतिशत, सितंबर में 0.50 प्रतिशत, दिसंबर में 0.35 प्रतिशत और फरवरी 2023 में 0.25 प्रतिशत का इजाफा किया था। हालांकि, अप्रैल की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में ब्याज दरों में इजाफा नहीं किया गया था।

    रुपये की कीमत नियंत्रित करने के लिए RBI क्या करता है?

    आरबीआई का उद्देश्य रुपये की कीमत को स्थिर रखना होता है। जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरती है, तो आरबीआई डॉलर की आपूर्ती को बढ़ाकर रुपये की कीमत को काबू करता है। फॉरेक्स रिजर्व भी इसमें अहम भूमिका निभाता है।