चीन की जापानी आयात को 'No Entry' वाली खबर से भारत को तगड़ा फायदा, समुद्री खाद्य निर्यातकों में आई जबर तेजी
चीन द्वारा जापानी समुद्री खाद्य आयात पर प्रतिबंध लगाने वाली खबरों से भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों को फायदा हुआ है। भारत के समुद्री खाद्य निर्यात में तेजी आई है। पिछले सप्ताह, भारत के मंत्रिमंडल ने कपड़ा, आभूषण और समुद्री भोजन, विशेष रूप से झींगा जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में निर्यातकों का समर्थन करने के लिए 450.6 अरब रुपये के व्यय पैकेज को मंजूरी दी।

चीन की जापानी आयात को 'No Entry' वाली खबर से भारत को तगड़ा फायदा, समुद्री खाद्य निर्यात में आई जबर तेजी
नई दिल्ली। India Seafood Export: न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन द्वारा जापानी आयात निलंबित करने की खबर के बाद भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों में तेजी देखी गई है। बुधवार को भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के शेयरों में 11% तक की तेजी देखी गई। अवंती फीड्स (AVNT.NS) के शेयर लगभग 10% बढ़कर बंद हुए, जो दो महीने से ज्यादा समय में इसकी सबसे बड़ी इंट्राडे बढ़त है। कोस्टल कॉर्पोरेशन (COAS.NS) के शेयर 5% चढ़े। कंपनी ने अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम करने की रणनीति के तहत अप्रैल में चीन और अन्य देशों को निर्यात बढ़ाने की योजना की घोषणा की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन ने जापान को देश से आयात निलंबित करने की योजना के बारे में सूचित कर दिया है। इस कदम से मांग भारत जैसे वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की ओर बढ़ सकती है। चीन ने कुछ महीने पहले ही जापानी समुद्री खाद्य पर प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी थी। हालाँकि, प्रतिबंध के संभावित नवीनीकरण से उन कंपनियों को करारा झटका लग सकता है जो उस बाज़ार में फिर से पहुँच बनाने की उम्मीद कर रही हैं जो कभी जापान के समुद्री खाद्य निर्यात का 20% से ज्यादा हिस्सा हुआ करता था।
चीन बन सकता है भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा बाजार
दूसरी ओर, चीन की मांग में संभावित वृद्धि भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है, जो देश के सबसे बड़े बाजार, संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी शुल्कों से जूझ रहे हैं।
पिछले साल भारत से वैश्विक स्तर पर कुल समुद्री खाद्य निर्यात 7.4 अरब डॉलर का रहा, जिसमें झींगा का हिस्सा 40% था। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के इक्विटी रिसर्च विश्लेषक विंसेंट के एंड्रयूज ने कहा कि टैरिफ के मुद्दे के कारण शिपमेंट पर दबाव बढ़ने के कारण, कंपनियां अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी नया अवसर इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक खबर है।
अगस्त के अंत में, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय शिपमेंट पर 50% तक का टैरिफ लगाया था। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इसके कारण अक्टूबर में अमेरिका को होने वाले निर्यात में साल-दर-साल लगभग 9% की गिरावट आई।
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