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    इतिहास रचने जा रहा भारत, 850 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है भारत का निर्यात; लेकिन US Deal रोक सकता है रफ्तार?

    By Jagran BusinessEdited By: Ankit Kumar Katiyar
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 09:08 PM (IST)

    सेवा क्षेत्र के सहयोग से चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का कुल निर्यात 850 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। अप्रैल-नवंबर में 562 अरब डॉलर का निर्यात हो चु ...और पढ़ें

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    इतिहास रचने जा रहा भारत, 850 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है भारत का निर्यात; लेकिन US Deal रोक सकता है रफ्तार?

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली| सर्विस सेक्टर के सहयोग से चालू वित्त वर्ष 2025-26 में कुल निर्यात 850 अरब डॉलर के नए स्तर को छू सकता है। इस साल अप्रैल-नवंबर में भारत 562 अरब डालर का निर्यात कर चुका है और चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में अभी चार माह बाकी है। अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष 2026-27 में भारतीय निर्यात की रफ्तार और तेज हो सकती है। अगले साल चीन को छोड़ दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ भारत का व्यापार समझौता संभव दिख रहा है।

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    अमेरिका व यूरोपीय संघ (EU) के साथ व्यापार वार्ता अंतिम चरण में है तो कनाडा व रूस के साथ भी व्यापार समझौते को लेकर वार्ता शुरू हो चुकी है। हालांकि निर्यात के मोर्चे पर सरकार के सामने नए साल में कई चुनौतियां भी दिख रही है।

    अगले एक जनवरी से यूरोपीय संघ कार्बन बार्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबैम) लागू करने जा रहा है जिससे भारत को यूरोप के देशों में स्टील, एल्युमीनियम जैसे उत्पादों का निर्यात करना चुनौतीपूर्ण रहेगा। सीबैम के तहत वस्तुओं के उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन के हिसाब से यूरोप अलग से टैक्स लगाएगा।

    इसके अलावा अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में हो रही देरी भी चुनौती साबित हो सकती है। जानकार कहते हैं कि तमाम वैश्विक चुनौतियों और अमेरिका के 50 प्रतिशत शुल्क के बावजूद भारत के निर्यात में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-नवंबर में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी दिख रही है।

    पहली बार 400 अरब डॉलर को पार कर सकता है निर्यात

    ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के मुताबिक गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने वस्तु व सेवा को मिलाकर 825 अरब डॉलर का निर्यात किया था। इनमें 438 अरब डॉलर का वस्तु तो 387 अरब डॉलर का सेवा निर्यात किया गया था। लेकिन चालू वित्त वर्ष में वस्तु का निर्यात कमोबेश पिछले वित्त वर्ष के स्तर पर ही दिख रहा है।

    दूसरी तरफ चालू वित्त वर्ष में सेवा निर्यात पहली बार 400 अरब डॉलर को पार करने जा रहा है और उसकी मदद से ही कुल निर्यात 850 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। वाणिज्य विभाग ने वर्ष 2030 तक देश के निर्यात को एक लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। व्यापार समझौते की वजह से अगले साल कई बड़े देश के बाजार भारत के लिए शुल्क मुक्त हो जाएंगे जिसकी मदद से 2030 के एक लाख करोड़ डालर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

    श्रीवास्तव का कहना है कि निर्यात को बढ़ाने के लिए भारत को अपने उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ निर्माण लागत में कमी करने की जरूरत है ताकि वैश्विक सप्लाई चेन में भागीदारी बढ़ाई जा सके। नए बाजार की तलाश शुरू हो गई है और पिछले दो साल में 20 से अधिक नए देशों में निर्यात शुरू हो चुका है।

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