Infosys Buyback: ₹18000 करोड़ का सबसे बड़ा बायबैक, पर शामिल नहीं होंगे नारायण मूर्ति-सुधा मूर्ति; क्या हैं मायने?
Infosys Buyback: इंफोसिस के 18000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक ऑफर से प्रमोटर नारायण मूर्ति, सुधा मूर्ति और नंदन नीलेकणी ने खुद को अलग कर लिया है। कंपनी ने बताया कि प्रमोटर ग्रुप बायबैक में हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने सितंबर 2025 में लिखे पत्रों में भाग न लेने की इच्छा जताई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रमोटरों का यह कदम कंपनी के दीर्घकालिक विकास पर उनके विश्वास को दर्शाता है।
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कंपनी की तरफ से बताया गया कि प्रमोटर ग्रुप बायबैक में हिस्सा नहीं लेगा।
नई दिल्ली| Infosys Buyback News: देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस 18,000 करोड़ रुपए के शेयर बायबैक करने जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन्फोसिस के सबसे बड़े बायबैक ऑफर से कंपनी के प्रमोटर और को-फाउंडर नारायण मूर्ति (narayana murthy and sudha murthy), उनकी पत्नी सुधा मूर्ति, नंदन नीलेकणी समेत अन्य प्रमोटरों ने खुद को अलग कर लिया है। वे इस बायबैक में हिस्सा नहीं लेंगे। यह जानकारी बुधवार, 22 अक्टूबर को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई। कंपनी ने कहा कि बायबैक ₹1,800 प्रति शेयर की दर से टेंडर रूट के जरिए किया जाएगा।
क्यों शामिल नहीं होंगे प्रमोटर?
कंपनी ने कहा कि बायबैक रेगुलेशंस के मुताबिक, प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप को टेंडर ऑफर रूट के तहत इसमें भाग लेने का विकल्प होता है। लेकिन इस मामले में उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे इसमें भाग नहीं लेंगे। इन्फोसिस की ओर से शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक, "प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप ने 14 सितंबर, 16 सितंबर, 17 सितंबर, 18 सितंबर और 19 सितंबर 2025 को लिखे अपने पत्रों में बायबैक में भाग न लेने की इच्छा जताई थी।" कंपनी के अनुसार, फिलहाल प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की कुल हिस्सेदारी 13.05% है। बायबैक के बाद उनके वोटिंग राइट्स में बदलाव आ सकता है।
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कितने शेयर होंगे रिटर्न और निवेशकों को क्या मिलेगा?
इन्फोसिस ने ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक का ऐलान किया है, जो कंपनी का पांचवां बायबैक ऑफर है। यह बायबैक टेंडर रूट के जरिए किया जाएगा। कंपनी ने बायबैक की कीमत ₹1,800 प्रति शेयर तय की है। हालांकि, इंफोसिस ने अभी तक रिकॉर्ड डेट की घोषणा नहीं की है। कंपनी करीब 10 करोड़ इक्विटी शेयर वापस खरीदेगी, जो 30 जून 2025 तक कंपनी की कुल पेड-अप इक्विटी कैपिटल का लगभग 2.41% हिस्सा होगा।
इस बीच, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बायबैक में एक्सेप्टेंस रेशियो (Acceptance Ratio) कम रह सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा सब्सक्रिप्शन की वजह से यह रेशियो कम रहेगा। रिटेल निवेशकों को सिर्फ 6-20% शेयरों की एक्सेप्टेंस मिल सकती है। 1,800 रुपए का बायबैक प्राइस एक अच्छा अरबिट्राज मौका (arbitrage opportunity) देता है, लेकिन रिटेल निवेशकों को यह समझना चाहिए कि उनके ऑफर किए गए शेयरों का सिर्फ एक छोटा हिस्सा ही स्वीकार किया जाएगा।
इंफोसिस बायबैक का इतिहास (Infosys Share Buyback History)
यह 18,000 करोड़ रुपए का बायबैक कंपनी के इतिहास का सबसे बड़ा बायबैक है। पहला बायबैक 2017 में हुआ था, जिसकी वैल्यू 13,000 करोड़ रुपए थी और कीमत 1,150 रुपए प्रति शेयर तय की गई थी। तब कंपनी ने 11.3 करोड़ शेयर (4.92% इक्विटी) वापस खरीदे थे। इसके बाद 2019 में दूसरा बायबैक 8,260 करोड़ रुपए, तीसरा 9,200 करोड़ रुपए, और 2022 में चौथा बायबैक 9,300 करोड़ रुपए का था, जो ओपन मार्केट रूट से किया गया था। उस समय बायबैक की अधिकतम कीमत 1,850 प्रति शेयर रखी गई थी।
कौन हैं इन्फोसिस के प्रमोटर?
इन्फोसिस के प्रमोटरों में कंपनी के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और नंदन नीलेकणी समेत उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। इनमें नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटे रोहन मूर्ति शामिल हैं। वहीं, नंदन नीलेकणी की पत्नी रोहिणी नीलेकणी और बच्चे निहार और जान्हवी नीलेकणी भी प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं। इसके अलावा, इन्फोसिस के अन्य को-फाउंडर्स और उनके परिवार भी प्रमोटर ग्रुप में शामिल हैं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े प्रमोटरों का बायबैक से दूर रहना यह संकेत देता है कि वे कंपनी के लंबे समय तक ग्रोथ पर भरोसा रखते हैं और अपने शेयर होल्ड करना चाहते हैं।
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