इरडा का प्रस्ताव बदल देगा बीमा इंडस्ट्री की तस्वीर, आम आदमी पर होगा इसका सीधा असर
आप बहुत जल्दी बैंकों से कम प्रीमियम पर पॉलिसी खरीद सकेंगे। IRDAI बैंकाश्योरेंस मॉडल में बड़ा बदलाव करने का प्लान कर रहा है। इसके लिए उसने वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव दिया है। अगर वित्त मंत्रालय द्वारा ये प्रस्ताव अपनाया जाता है तो बहुत जल्द आम जनता के लिए बीमा और सस्ता हो जाएगा। वहीं बीमा के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम अमाउंट में कमी आएगी।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर बीमा नियामक IRDAI का एक प्रस्ताव मान लिया गया तो आप बहुत जल्दी बैंकों से कम प्रीमियम पर पॉलिसी खरीद सकेंगे। दरअसल, IRDAI बैंकाश्योरेंस मॉडल में बड़ा बदलाव करना चाहता है। इसके लिए उसने वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव दिया है। अगर वित्त मंत्रालय ने बीमा रेगुलेटर को मान लिया तो किसी बैंक ब्रांच से बीमा खरीदने पर आपको कमीशन नहीं देना पड़ेगा।
बीमा रेगुलेटर चाहता है कि बैंक ग्राहकों से कमीशन की जगह ट्रांजैक्शन फीस लें। इस बदलाव से बीमा खरीदने वाले ग्राहकों के साथ बैंकों और बीमा कंपनियों को भी फायदा होगा।
अभी क्या है बैंक से बीमा बेचने का सिस्टम?
अभी किसी बैंक ब्रांच से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने पर बैंक 18 फीसदी कमीशन लेते हैं। अगर किसी पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 10 हजार रुपये है, तो पॉलिसी खरीदने वाले को 18 फीसदी कमीशन समेत 11,800 रुपये देने पड़ते हैं। इसमें से इंश्योरेंस कंपनी को 10 हजार और बैंक को 1800 रुपये मिलते हैं।
क्या होगा नया सिस्टम?
इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI कमीशन की जगह ट्रांजैक्शन फीस का सिस्टम लागू करना चाहता है। यह फीस भी पॉलिसी खरीदने वाला ही देगा। फर्क यह होगा कि ट्रांजैक्शन फीस की कोई मिनिमम या मैक्सिमम सीमा तय नहीं होने से यह बाजार में कंपटीशन पर निर्भर करेगा।
अभी बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के बीच करार के मुताबिक बैंक किसी दूसरी बीमा कंपनी की पॉलिसी नहीं बेच सकते। नए मॉडल में बैंक ट्रांजैक्शन फीस लेकर कई कंपनियों की पॉलिसी बेच सकेंगे। बैंकों के साथ ग्राहकों के लिए भी ज्यादा ऑप्शन उपलब्ध होंगे तो मिस-सेलिंग की घटनाएं कम होंगी।
‘सबके लिए बीमा’ का टार्गेट
आपको बता दें कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के सरकार के लक्ष्य के साथ बीमा रेगुलेटर IRDAI ने 2047 तक ‘सबके लिए बीमा’ का टार्गेट तय किया है। इस टार्गेट को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इसमें इंश्योरेंस कंपनियों की संख्या बढ़ाना, प्रोडक्ट को डाइवर्सिफाई करना, पॉलिसी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत करना भी शामिल हैं।
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