क्यूआर कोड से पेमेंट... क्या होती है इसमें डिटेल, कैसे होता है लेन-देन और कितना बड़ा है इसका बाजार?
QR Code एक प्रकार का बारकोड है जिसमें डेटा मैट्रिक्स पैटर्न में स्टोर होता है। इसे मोबाइल से स्कैन कर जानकारी प्राप्त या पेमेंट किया जा सकता है। क्यूआर कोड में दुकानदार या व्यापारी का बैंक अकाउंट या यूपीआई (UPI) आईडी जुड़ा होता है। जब कोई ग्राहक इसे स्कैन करता है तो PhonePe Google Pay Paytm या BHIM UPI जैसे मोबाइल ऐप उस अकाउंट की डिटेल रीड कर लेते हैं।

नई दिल्ली| आजकल दुकानों से लेकर सड़क किनारे ठेलों तक पर आपको काले-सफेद डिब्बे जैसा बना हुआ क्यूआर कोड (QR Code) दिख जाता है। मोबाइल कैमरे से स्कैन करते ही पेमेंट (Digital Payment) हो जाता है। लेकिन कई बार मन में सवाल आता है कि आखिर इस छोटे से कोड में क्या-क्या डिटेल होती है? इससे पेमेंट कैसे होता है और यह होता क्या है? तो चलिए जानते हैं एक-एक डिटेल।
What is QR code : क्या होता है क्यूआर कोड?
क्यूआर कोड एक प्रकार का बारकोड है, जिसमें डेटा मैट्रिक्स पैटर्न में स्टोर होता है। इसे मोबाइल से स्कैन कर जानकारी प्राप्त या पेमेंट किया जा सकता है। क्यूआर कोड में दुकानदार या व्यापारी का बैंक अकाउंट या यूपीआई (UPI) आईडी जुड़ा होता है।
जब कोई ग्राहक इसे स्कैन करता है तो PhonePe, Google Pay, Paytm या BHIM UPI जैसे मोबाइल ऐप उस अकाउंट की डिटेल पढ़ लेते हैं। इसके बाद ग्राहक जितनी रकम डालता है, उतनी सीधे व्यापारी के अकाउंट में चली जाती है। इसमें न तो कार्ड स्वाइप करने की जरूरत पड़ती है और न ही कैश देने की।
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क्या है क्यूआर कोड की खासियत?
क्यूआर कोड की सबसे बड़ी खासियत है कि यह तेज़, आसान और सुरक्षित होता है। ग्राहक को बस मोबाइल इंटरनेट और यूपीआई ऐप चाहिए। दुकानदार को सिर्फ प्रिंटेड कोड। इसमें पैसे बीच में कहीं अटकते नहीं, बल्कि तुरंत ट्रांसफर हो जाते हैं।
QR कोड में क्या-क्या डिटेल होती है?
- URL या लिंक- पेमेंट गेटवे, वेबसाइट या ऐप का लिंक
- पेमेंट जानकारी-
- मर्चेंट की UPI ID या बैंक अकाउंट की जानकारी
- ट्रांजैक्शन आईडी या रेफरेंस नंबर
- अमाउंट
- मर्चेंट डिटेल- दुकान या फिर व्यवसाय का नाम, कोड या पहचान।
- सिक्योरिटी कोड- डेटा की प्रामाणिकता के लिए डिजिटल सिग्नेचर।
- अन्य डेटा- समय सीमा, ट्रांजैक्शन का प्रकार (जैसे UPI, कार्ड), या अतिरिक्त निर्देश।
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2028 तक 200 बिलियन डॉलर का होगा बाजार
भारत में क्यूआर कोड व्यवसाय का आकार तेजी से बढ़ रहा है, जो डिजिटल भुगतान की बढ़ती मांग से प्रेरित है। सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन भारत में डिजिटल भुगतान बाजार 2023 में लगभग 88 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और 2028 तक इसके 200 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
क्यूआर कोड, विशेष रूप से भारत क्यूआर कोड, UPI के साथ, छोटे व्यापारियों और रिटेल में भुगतान का मुख्य साधन बन गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में UPI लेनदेन 131 बिलियन तक पहुंच गया, जिसमें क्यूआर कोड का बड़ा योगदान है।
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