ईरान नहीं इस देश की करेंसी दुनिया में सबसे कमजोर, भारत के ₹1000 बन जाते हैं 10 लाख से ज्यादा; इजराइल का है पड़ोसी
ईरान की मुद्रा में गिरावट के बाद, लेबनान की मुद्रा दुनिया में सबसे कमजोर है। एक भारतीय रुपया 1019.37 लेबनानी पाउंड के बराबर है। लेबनान में वित्तीय संकट, राजनीतिक अस्थिरता और बैंकिंग प्रतिबंधों के कारण लेबनानी पाउंड (Weakest Currency in the World) का मूल्य गिरा है। 2023 में मुद्रास्फीति दर 221.3% तक पहुंच गई, जिससे आर्थिक स्थिति और खराब हो गई।

लेबनान की करेंसी है दुनिया में सबसे कमजोर
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय में ईरान की कमजोर करेंसी चर्चा का विषय रही है। बढ़ती महंगाई और अमेरिकी प्रतिबंधों ने ईरान की इकोनॉमी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इसके नतीजे में ईरान की करेंसी इतनी कमजोर हो गयी है कि वहां की संसद ने अपने'रियाल' से 4 जीरो हटाने का फैसला किया।
इससे होगा ये कि जो चीज 10000 ईरानी रियाल में मिल रही थी, वो अब एक रियाल में मिल जाएगी। मगर इससे करेंसी की इंटरनेशनल लेवल पर वैल्यू प्रभावित नहीं होगी। अब कोई सोच सकता है कि ईरान की करेंसी ही दुनिया में सबसे कमजोर है। मगर ऐसा नहीं है। एक दूसरा देश है, जिसकी करेंसी इस समय दुनिया में सबसे कमजोर (Weakest Currency in the World) है। आइए जानते हैं उस देश और उसकी करेंसी के बारे में।
इस देश की करेंसी सबसे कमजोर
इस समय 1 भारतीय रुपया 478.70 ईरानी रियाल के बराबर है। पर इजराइल के पड़ोसी लेबनान की करेंसी इसके मुकाबले और भी बहुत कमजोर है।
लेबनान की करेंसी
लेबनान की करेंसी को लेबनीज पाउंड (Lebanese Pound) कहा जाता है। इसे LBP के जरिए शॉर्ट फॉर्म के तौर पर दर्शाया जाता है। इस समय 1 भारतीय रुपया 1019.37 LBP के बराबर है।
1000 भारतीय रुपये बन जाएंगे 10 लाख से अधिक
1 भारतीय रुपया 1019.37 LBP होने के चलते 1000 भारतीय रुपये 1019367.99 LBP के बराबर बनेंगे। वहीं 10000 भारतीय रुपये 1.01 LBP से अधिक बन जाएंगे।
क्यों इतना कमजोर है लेबनानी पाउंड
लेबनानी पाउंड इंटरनेशनल मार्केट में चल रहे आर्थिक दबाव को दिखाता है। लेबनान के बैंकिंग संकट और मॉनेटरी पॉलिसी में बदलाव ने करेंसी स्टेबिलिटी के लिए बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
करेंसी की मौजूदा स्थिति इन वजहों से हुई है:
- बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल सिस्टम का गिरना
- चल रही राजनीतिक अनिश्चितता
- सख्त बैंकिंग पाबंदियाँ
- तेजी से करेंसी का डीवैल्यूएशन
ये और भी हैं वजह
सीरिया की पुरानी सरकार और ईरान के सपोर्ट वाले हिज्बुल्लाह पर लगे बैन की वजह से लेबनान का संकट और बिगड़ गया, जो डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में और गहरे हो गए। जनवरी 2023 और मार्च 2024 के बीच करेंसी की वैल्यू 98% से ज्यादा कम हो गई, और 2023 में सालाना महंगाई दर 221.3% रही।
लेबनान में लिक्विडिटी संकट लेबनान पर असर डालने वाला एक मौजूदा फाइनेंशियल संकट है, जो अगस्त 2019 में पूरी तरह से सामने आया, और लेबनान में COVID-19 महामारी (जो फरवरी 2020 में शुरू हुई) से और बढ़ गया।
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