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    Gen Z प्रोटेस्ट के बीच मेक्सिको की करेंसी कितनी ताकतवर? भारत के रुपये से कमजोर या मजबूत

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 12:12 PM (IST)

    मेक्सिको में बढ़ती हिंसा के विरोध में जेन जेड ने प्रदर्शन किया। मेक्सिको की मुद्रा पेसो है, जो भारतीय रुपये से मजबूत (Mexico Gen z Protests) है। एक पेसो 4.84 रुपये के बराबर है। कई अन्य देशों में भी पेसो का उपयोग होता है। मेक्सिको में 20 से 1000 पेसो तक के नोट चलते हैं, जिन्हें बैंक ऑफ मेक्सिको जारी करता है। मेक्सिको दुनिया की 13वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

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    भारतीय रुपये के मुकाबले मजबूत है मेक्सिकन पेसो

    नई दिल्ली। बढ़ती हिंसा की निंदा करते हुए "जेनरेशन जेड" (Mexico Gen z Protests) के बैनर तले शनिवार को मेक्सिको में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। मेक्सिको में लंबे समय से इकोनॉमिक संकट है, जिसके नतीजे में बेरोजगारी भी काफी बढ़ी है। मगर वहां की करेंसी का क्या हाल है? आइए जानते हैं।

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    मेक्सिको की करेंसी को क्या कहते हैं

    सबसे पहले बात करते हैं मेक्सिको की करेंसी के नाम की। मेक्सिको की करेंसी को पेसो कहा जाता है। वहां पेसो को पहली बार 1863 में पुराने स्पेनिश औपनिवेशिक रियल की जगह पेश किया गया था। मैक्सिकन पेसो को 100 सेंटावोस में विभाजित किया जाता है।

    कितनी है वैल्यू

    मेक्सिकन पेसो भारतीय रुपये के मुकाबले मजबूत है। इस समय 1 मेक्सिकन पेसो 4.84 रुपये के बराबर है, जबकि 1 भारतीय रुपया 0.21 मेक्सिकन पेसो के बराबर है।

    इन देशों में भी करेंसी को कहा जाता है पेसो

    कई अन्य देशों में भी करेंसी के लिए पेसो शब्द का उपयोग किया जा है। इन देशों में अर्जेंटीना, चिली, कोलंबिया, क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, फिलीपींस और उरुग्वे शामिल हैं।

    किस किस वैल्यू के होते हैं नोट

    मेक्सिको में पेसो के 6 तरह के नोट चलते हैं। इनमें 20, 50, 100, 200, 500 और 1000 पेसो के नोट शामिल हैं।

    कौन जारी करता है नोट

    मेक्सिको के केंद्रीय बैंक को बैंक ऑफ मेक्सिको कहा जाता है। बैंक ऑफ मेक्सिको ही मेक्सिको में नोट जारी करता है।

    मेक्सिको की इकोनॉमी

    मेक्सिको एक बड़ी, डेवलपिंग मिक्स्ड इकोनॉमी वाला देश है, जो अपनी विशाल पॉपुलेशन, प्राकृतिक संसाधनों और मजबूत व्यापारिक संबंधों के बल पर दुनिया की 13वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। सर्विस, इंडस्ट्री और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था ने हाल के वर्षों में ग्रोथ दिखाई है।
    हालाँकि इसने अपनी क्षमता की तुलना में धीमी ग्रोथ के दौर भी देखे हैं।

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