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    ट्रंप टैरिफ की जद में आए मुकेश अंबानी, तेल-केमिकल बिजनेस हो सकता है चौपट; रिलायंस ने जारी की चेतावनी!

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 12:40 PM (IST)

    Mukesh Ambani की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गुरुवार को कहा कि भू-राजनीतिक और टैरिफ (Trump Tariffs) संबंधी अनिश्चितताएं व्यापार प्रवाह और मांग-आपूर्ति संतुलन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। कंपनी ने आगे कहा कि बदलते प्रतिबंधों टैरिफ नीतियों में बदलाव और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OEC) और गैर-ओपेक सदस्यों द्वारा उत्पादन संबंधी निर्णयों के बीच कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर बनी हुई हैं।

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    टैरिफ की जद में आए मुकेश अंबानी, इस बिजनेस को हो सकता है भारी नुकसान

    नई दिल्ली। आज यानी 8 अगस्त से ट्रंप का 25 फीसदी वाला टैरिफ ((Trump Tariffs) इंडिया पर लागू हो गया। अब भारत से अमेरिका पहुंचा सामान 25 फीसदी महंगा मिलेगा। इसका असर कंपनियों पर पड़ना शुरू हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप ने 2 टुकड़ों में भारत पर टैरिफ लगाया है। 25 फीसदी का टैरिफ आज से लागू हो गया है। और जो अगला 25 फीसदी का टैरिफ है वह 27 अगस्त से लागू होगा। आज से लागू हुए टैरिफ का असर भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कंपनी पर भी पड़ने लगा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है।

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    कंपनी ने शुक्रवार को रिपोर्ट में चेतावनी जारी करते हुए कहा कि भू-राजनीतिक और टैरिफ संबंधी अनिश्चितताएं बिजनेस फ्लो और मांग-आपूर्ति संतुलन को नुकसान पहुंचा सकती है। गुरुवार को रिलायंस के शेयरों में 1% की गिरावट दर्ज की गई, लेकिन फिर ये 0.2% की गिरावट के साथ बंद हुए। शुक्रवार को भी इसके शेयर इस खबर को लिखते समय तक 1.17% की गिरावट के साथ 1,373.20 पर ट्रेड कर रहे हैं। बीते एक महीने में रिलयांस के शेयर लगभग 11 फीसदी तक टूट चुके हैं।

    रिलयांस की गुजरात में सबसे बड़ी रिफाइनरी

    रिलयांस इंडस्ट्रीज गुजरात के जामनगर में एक ही स्थान पर दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाती है, जो घरेलू और निर्यात बाजार के लिए पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और संबंधित उत्पाद बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कच्चे तेल को प्रोसेस करती है।

    अपने तेल-से-रसायन (O2C) व्यवसाय के फ्यूचर पर टिप्पणी करते हुए, RIL ने गुरुवार को प्रकाशित अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि EV पैठ के बावजूद तेल की मांग में वृद्धि जारी रहने की संभावना है, जो मुख्यतः मजबूत आर्थिक विकास, चीन के प्रोत्साहन उपायों और भू-राजनीतिक तनाव में संभावित कमी से प्रेरित है।

    यह रिपोर्ट, जिसमें कच्चे तेल की खरीद के स्रोत के रूप में रूस का नाम नहीं लिया गया है, अमेरिका द्वारा भारत से आने वाले व्यापारिक सामानों पर 50 प्रतिशत का पेनाल्टी शुल्क लगाने के एक दिन बाद आई है। ट्रंप के अनुसार भारत रूसी कच्चा तेल खरीद रहा है और कथित तौर पर यूक्रेन में क्रेमलिन के युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने से पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट में भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद और उसके पुनर्निर्यात का जिक्र किया था। ट्रंप ने 4 अगस्त को कहा, "भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए अधिकांश तेल को खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है।"

    रिलालंय को सबसे अधिक मुनाफा देता है ये बिजनेस

    RIL के वित्तीय प्रदर्शन में O2C का सबसे बड़ा योगदान है, जिसमें दूरसंचार, मीडिया और मनोरंजन जैसे विविध व्यवसाय शामिल हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 में जामनगर में 80.5 मिलियन टन कच्चे तेल का उत्पादन किया था।

    एलएसईजी शिप-ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, रिफाइंड उत्पादों के एक प्रमुख निर्यातक, रिलायंस ने इस वर्ष के पहले सात महीनों में यूरोप को प्रति माह 2.83 मिलियन बैरल डीजल और 1.5 मिलियन बैरल जेट ईंधन भेजा।