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    पाकिस्तान, बांग्लादेश के बाद नेपाल की करेंसी छापेगा चीन, ड्रैगन को मिला ₹142 करोड़ का ठेका; भारत से बढ़ेगी टेंशन?

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 06:17 PM (IST)

    नेपाल ने अपने 1000 के नए नोट छापने का ठेका चीन की कंपनी को दिया है। नेपाल राष्ट्र बैंक ने चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन को 43 करोड़ नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है, जिसकी लागत लगभग ₹142 करोड़ है। यह फैसला भारत और चीन के बीच तनाव के बीच आया है, जो नेपाल के चीन की ओर बढ़ते आर्थिक झुकाव को दर्शाता है।

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    पाकिस्तान, बांग्लादेश के बाद नेपाल की करेंसी छापेगा चीन, ड्रैगन को मिला ₹142 करोड़ का ठेका।

    नई दिल्ली| नेपाल अब अपने 1000 के नए नोट चीन में छपवाने जा रहा है। नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन (China Banknote Printing and Minting Corporation) को 430 मिलियन यानी 43 करोड़ नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 16.98 मिलियन डॉलर (लगभग ₹142 करोड़) तय की गई है।

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    नेपाल ने शुक्रवार को इस कंपनी को डिजाइन, प्रिंटिंग और सप्लाई का लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर दिया है। चीन की यह कंपनी पहले भी नेपाल के ₹5, ₹10, ₹100 और ₹500 के नोट छाप चुकी है। इसे इस बार भी सबसे कम कीमत की बोली लगाने के आधार पर चुना गया है। नेपाल ने यह कदम तब उठाया है, जब वहां पिछले दिनों जेन-जी प्रोटेस्ट (Nepal gen z protest) ने सरकार का पलटकर रख दिया।

    भारत और चीन के बीच तनाव

    नेपाल का यह फैसला ऐसे वक्त आया है जब भारत और चीन के बीच क्षेत्रीय और आर्थिक प्रतिस्पर्धा बढ़ी हुई है। परंपरागत रूप से नेपाल अपने कई सिक्योरिटी और करेंसी प्रिंटिंग कामों में भारत पर निर्भर रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में वह चीन की ओर झुकाव दिखा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम नेपाल और चीन के बढ़ते आर्थिक रिश्तों का संकेत है। वहीं भारत के लिए यह एक रणनीतिक संकेत हो सकता है कि नेपाल अब अपनी करेंसी प्रिंटिंग जैसी संवेदनशील प्रक्रियाओं में भी पड़ोसी चीन पर भरोसा करने लगा है।

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    नेपाल कहां-कहां छपवाता है अपनी करेंसी?

    नेपाल अपनी मुद्रा के नोट नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) के माध्यम से छापवाता है, लेकिन उसके पास खुद नोट छापने की मशीनरी नहीं है। इसलिए, वह विदेशी कंपनियों को टेंडर के जरिए ठेका देता है। ऐतिहासिक रूप से, नोट ब्रिटेन की De La Rue कंपनी और भारत की Nashik प्रेस से छापे जाते थे। 2015 से चीन की चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन (CBPM) ने पहला अंतरराष्ट्रीय ठेका जीता, जिसमें 1000 रुपए के नोट भी शामिल थे।

    पाकिस्तान समेत 9 देशों के नोट छापता है चीन

    चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन दुनिया की सबसे बड़ी नोट छापने वाली कंपनी है, जो मुख्य रूप से अपनी मुद्रा (रंबिंबी) छापती है। लेकिन 2015 से, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत, यह कई देशों के लिए नोट छाप रही है। ये देश मुख्य रूप से विकासशील हैं, जो कम लागत और उन्नत सिक्योरिटी फीचर्स के कारण चीन पर निर्भर हैं। मुख्त तौर पर चीन 9 देशों के नोट छापता है। जिसमें नेपाल, थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, ब्राजील, अर्जेंटीना, पोलैंड और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं।

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