वित्त मंत्री का बिहार दौरा हुआ रद्द, सुबह से शाम तक क्या-क्या होने थे प्रोग्राम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का10 सितंबर का बिहार दौरा (Nirmala Sitharaman Bihar visit) रद्द हो गया है। बिहार दौरे पर उन्हें कृषि नवाचार वित्तीय समावेशन और राजकोषीय सुधारों पर ध्यान देना था। कटिहार में मखाना की खेती का निरीक्षण और प्रोसेसिंग यूनिट का दौरा करना था। वह वंचित समुदायों के लिए लोन और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए ऋण आउटरीच कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेतीं।

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 10 सितंबर का बिहार दौरा (Nirmala Sitharaman Bihar visit) रद्द हो गया है। इस दौरे पर उन्हें कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था। वह कृषि नवाचार, वित्तीय समावेशन और राजकोषीय सुधारों के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालतीं। माना जा रहा था उनका ये दौरा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और भारत के कर ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
वित्त मंत्री के दिन की शुरुआत कटिहार से होती, जहां मंत्री स्थानीय कृषि-अर्थव्यवस्था पर चर्चा करतीं। सुबह में, उनका मखाना की खेती का प्रत्यक्ष अवलोकन करने का कार्यक्रम भी था, जो एक प्रमुख फसल है और इस क्षेत्र के हजारों किसानों का भरण-पोषण करती है।
Programme details of Smt @nsitharaman's visit to Bihar on September 10, 2025. pic.twitter.com/cY0d0yv5bd
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) September 9, 2025
इसके बाद उनके प्लान में एक अत्याधुनिक मखाना प्रोसेसिंग यूनिट का दौरा करना भी था, जिसका उद्देश्य इस पोषक तत्व से भरपूर सुपरफूड के मूल्यवर्धन और निर्यात क्षमता में प्रगति को प्रदर्शित करना था।
ये गतिविधियां प्रौद्योगिकी और बाजार संपर्कों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की पहल के अनुरूप हैं। इसके अलावा, सीतारमण कटिहार में कई स्थानों पर वित्तीय समावेशन और ऋण आउटरीच कार्यक्रमों में भाग लेने वाली थीं।
इन सत्रों से छोटे किसानों और महिला उद्यमियों सहित वंचित समुदायों के लिए लोन, बीमा और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुँच सुनिश्चित होती। इन कार्यक्रमों से करोड़ों रुपये का लोन वितरित होने की चर्चा थी, स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद थी।
दोपहर में राज्य की राजधानी पटना पहुँचने के बाद, वित्ती मंत्री आर्थिक विकास पर उच्च-स्तरीय चर्चा के लिए पटना जाने वाली थीं। होटल ताज सिटी सेंटर में, वह वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को समर्पित एक कार्यक्रम का नेतृत्व करतीं, जिसमें बिहार के लिए आईटी, वित्त और सेवा क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय निवेश आकर्षित करने के अवसरों की खोज किए जाने का मेन एजेंडा था।
इस पहल का उद्देश्य राज्य को कुशल रोजगार और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस दिन का समापन बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में 'अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार' पर एक संवादात्मक सत्र के साथ होता। उद्योग जगत के नेता, नीति निर्माता और हितधारक वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने, अनुपालन चुनौतियों का समाधान करने और अधिक व्यापार-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श करने वाले थे।
सीतारमण द्वारा आगामी सुधारों की रूपरेखा प्रस्तुत करने की संभावना थी जो कर प्रक्रियाओं को सरल बना सकते हैं और राजस्व संग्रह को बढ़ावा दे सकते हैं। यह यात्रा बिहार में आर्थिक सुधार को गति देने के प्रयासों के बीच हो रही थी, जिसमें कृषि और सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाने की उम्मीद थी।
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