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    'टिप्पणी की जरूरत नहीं', स्मॉल और मिडकैप शेयरों में गिरावट पर बोलीं SEBI चीफ

    Updated: Fri, 21 Feb 2025 05:58 PM (IST)

    स्मॉल व मिडकैप के शेयर मंदी के दौर में हैं। कई शेयर करीब 50 फीसदी तक गिर चुके हैं। कुछ शेयरों में लगातार लोअर सर्किट भी लग रहा है। इससे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों का वैल्यूएशन काफी अधिक है जिसके चलते उनमें करेक्शन हो रहा है।

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    स्मॉल व मिडकैप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का कहना है कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर को स्मॉल और मिडकैप के शेयरों में हालिया गिरावट पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है। बुच ने पिछले साल मार्च में स्मॉल और मिड कैप शेयरों पर अपने बयान का हवाला दिया। उस वक्त सेबी प्रमुख ने कहा था कि स्मॉल और मिड कैप शेयरों का मूल्यांकन काफी अधिक है और यह चिंता की बात है।

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    बुच ने सोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के एक कार्यक्रम में कहा, 'सेबी ने जब स्मॉल और मिड कैप शेयरों पर टिप्पणी की जरूरत महसूस की थी, तब उसने अपनी चिंता जाहिर की थी।' उन्होंने कहा, 'मिडकैप और स्मॉलकैप के बारे में मेरा मानना है कि एक समय ऐसा आया जब नियामक को इस बारे में टिप्पणी करने की जरूरत महसूस हुई और टिप्पणी की गई। आज, नियामक को अतिरिक्त टिप्पणी करने की कोई जरूरत महसूस नहीं हो रही है।'

    स्मॉल व मिडकैप के शेयर मंदी के दौर में हैं। कई शेयर करीब 50 फीसदी तक गिर चुके हैं। कुछ शेयरों में लगातार लोअर सर्किट भी लग रहा है। इससे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों का वैल्यूएशन काफी अधिक है, जिसके चलते उनमें करेक्शन हो रहा है।

    AMFI और SEBI का नए निवेशकों पर फोकस

    भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग को और अधिक समावेशी और मजबूत बनाने के लिए एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने तीन नई पहल की शुरुआत की है- "छोटी SIP", "तरुण योजना" और "MITRA (Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant)"।

    SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का कहना है कि वित्तीय समावेशन और निवेशकों की सुरक्षा से ही पूंजी बाजार मजबूत बनेगा। वहीं, AMFI के चेयरमैन नवनीत मुनोट ने इन पहलों को भारत की आर्थिक वृद्धि में भागीदारी बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। सेबी चीफ बुच ने यह भी कहा कि नियामक द्वारा फंड हाउस के लिए हाल ही में शुरू की गई 250 रुपये की सिस्टमैटिक इन्वेस्मेंट प्लान (SIP) को अनिवार्य बनाने का कोई इरादा नहीं है।

    नए निवेशक के लिए पहल

    छोटी SIP:

    सिर्फ ₹250 में SIP निवेश शुरू करने की सुविधा।

    छोटे निवेशकों और पहली बार निवेश करने वालों के लिए फायदेमंद।

    तरुण योजना:

    स्कूली पाठ्यक्रम में वित्तीय शिक्षा को शामिल करने की योजना।

    युवाओं को निवेश के बुनियादी सिद्धांतों से वाकिफ कराना।

    MITRA:

    निष्क्रिय या भूले हुए म्यूचुअल फंड निवेशों को पहचानने और वापस पाने में मदद करने वाला प्लेटफॉर्म।

    निवेशकों और उनके कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए फायदेमंद।

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