बड़ा खुलासा : 'विदेश में पढ़ाई', सिर्फ इतनी फीस, भारतीयों को ऐसे निशाना बना रहा पाकिस्तान, कितने छात्र टारगेट पर?
Pakistan MBBS scam किर्गिस्तान में पाकिस्तान के एजुकेशनल नेटवर्क का खुलासा हुआ है जो भारतीय छात्रों को विदेश में सस्ती पढ़ाई के नाम पर ठग रहा है। पाकिस्तान इन नेटवर्क के जरिए भारत के सीमावर्ती राज्यों और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को टारगेट कर रहा है। किर्गिस्तान में 16000 छात्र पढ़ रहे हैं। जिनमें से 10000 छात्र MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं।

नई दिल्ली | भारत में हर साल लाखों छात्र डॉक्टर बनने का सपना लेकर NEET जैसी कठिन परीक्षा में बैठते हैं। लेकिन जब सीमित सरकारी सीटें और महंगे प्राइवेट कॉलेज सामने आते हैं, तो इन छात्रों और उनके परिवारों के पास विकल्प कम बचते हैं। इसी कमी का फायदा उठाकर अब कुछ ताकतें मेडिकल की पढ़ाई के नाम पर एक नया और खतरनाक खेल खेल रही हैं, वह भी सीमा पार से। MBBS का सपना पूरा करने के लिए जो छात्र विदेश जा रहे हैं, वे अब एक ऐसे जाल में फंसते जा रहे हैं, जो पढ़ाई कम और साजिश ज़्यादा है।
किर्गिस्तान से पाकिस्तानी खुफिया नेटवर्क के तार जुड़े
दुनिया के कई देश जैसे- किर्गिस्तान, कज़ाखस्तान, जॉर्जिया, ताजिकिस्तान और बारबाडोस भारतीय छात्रों को कम फीस और इंग्लिश मीडियम में मेडिकल की पढ़ाई का लालच दे रहे हैं। लेकिन इन सभी में किर्गिस्तान सबसे ज़्यादा चर्चा में है। कभी छात्रों के लिए सुरक्षित और सस्ती शिक्षा का केंद्र कहे जाने वाले इस देश में अब कुछ यूनिवर्सिटीज़ ऐसी भी हैं जिनके पीछे पाकिस्तान के संदिग्ध नेटवर्क के तार जुड़े हैं।
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भारत में बॉर्डर से लगे राज्य और पिछड़े क्षेत्र टारगेट पर
भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और किर्गिस्तान में भारतीय दूतावास ने 2022 में एक चेतावनी जारी की थी। इसमें तीन यूनिवर्सिटीज़ ADAM University, Avicenna International Medical University, और Royal Metropolitan University शामिल हैं। NMC ने इन्हें "हाई रिस्क" घोषित कर रखा है। किर्गिस्तान के इन संस्थानों को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। जैसे...
- कैंपस में मेडिकल सुविधाओं का अभाव है।
- छात्रों को अस्पताल में प्रैक्टिकल अनुभव नहीं मिलता।
- पढ़ाई का स्तर बेहद खराब और छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी खतरा रहता है।
- इन यूनिवर्सिटियों के संचालन में पाकिस्तान से जुड़े वित्तीय और शैक्षणिक नेटवर्क का दखल है, जो भारत के सीमावर्ती राज्यों और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को टारगेट कर रहा है।
ना हॉस्टल, ना प्रोफेसर; पढ़ाई के नाम पर दिखावा
यह कोई सामान्य एजुकेशनल नेटवर्क नहीं है। यह एक ऐसा षड्यंत्र है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित एजेंसियां भारत में झूठे वादों के साथ एजेंटों के माध्यम से काम कर रही हैं। यह एजेंसियां कहती हैं कि सीधा एडमिशन मिलेगा, फीस कम है, डिग्री भारत में मान्य है। लेकिन जब छात्र वहां पहुंचते हैं, तो उन्हें सच्चाई का सामना होता है। ना वहां हॉस्टल की सुरक्षा होती है, ना प्रोफेसर मिलते हैं। और पढ़ाई के नाम पर चलता है सिर्फ दिखावा।
पाकिस्तान की ये चाल नीतिगत हमले से कम नहीं
कई बार छात्रों को मजबूर होकर वापस लौटना पड़ता है। कई बार तो डिग्री पूरी करने के बाद भारत में NMC की परीक्षा पास ही नहीं होती। भारत लौटने के बाद ऐसे छात्र खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं। समय, पैसा और सपना, तीनों बर्बाद हो जाते हैं।
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यह एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि सीमा पार से भारत के युवाओं को गुमराह करने की यह रणनीति किसी भी नीतिगत हमले से कम नहीं। यह ज़रूरी है कि छात्र और माता-पिता किसी भी संस्थान या एजेंसी का चयन करने से पहले NMC की वेबसाइट, भारतीय दूतावास की सलाह और पिछले छात्रों के अनुभव जरूर देखें।
16000 छात्र पढ़ रहे हैं किर्गिस्तान में
2023-2024 के डेटा के मुताबिक, किर्गिस्तान में 16,000 छात्र पढ़ रहे हैं। जिनमें से 10,000 छात्र MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। ये छात्र MBBS की पढ़ाई के लिए कम से कम 15 लाख रुपए और अधिकतम 27 लाख रुपए तक चुका रहे हैं। इसके अलावा उन्हें रहने-खाने का खर्च अलग से उठाना पड़ता है।
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