सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    PM Kisan Yojana: 21वीं किस्त के बीच किसानों के लिए बड़ी खबर, जानवरों से हुए फसल नुकसान की होगी भरपाई; कैसे मिलेगा फायदा

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 07:57 PM (IST)

    किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत जंगली जानवरों से हुए फसल नुकसान को कवर करने का फैसला किया है, जो 2026 के खरीफ सीजन से लागू होगा। भारी बारिश और बाढ़ से धान की फसलों के नुकसान को भी शामिल किया गया है। किसान फसल बीमा ऐप से 72 घंटे के भीतर नुकसान की सूचना दे सकते हैं।

    Hero Image

    सरकार अब जंगली जानवरों की वजह से हुए फसल नुकसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कवर करेगी।

    नई दिल्ली। किसान भाईयों के लिए बड़ी खबर आई है। सरकार अब जंगली जानवरों की वजह से हुए फसल नुकसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत कवर करेगी। यह 2026 के खरीफ (ग्रीष्मकालीन) बुवाई सीजन से लागू होगी। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा, भारी बारिश और बाढ़ के कारण धान की फसलों के जलमग्न होने से हुए नुकसान को भी PMFBY के तहत कवर किया जाएगा।

    एक बयान में, कृषि मंत्रालय ने बताया कि पूरे भारत में किसान हाथियों, जंगली सूअरों, नीलगाय, हिरणों और बंदरों जैसे जंगली जानवरों के हमलों के कारण फसल नुकसान (PM Fasal Bima Yojana) का सामना कर रहे हैं।

    मंत्रालय ने कहा कि ये घटनाएं विशेष रूप से जंगलों, वन्यजीव गलियारों और पहाड़ी इलाकों के पास स्थित क्षेत्रों में आम हैं। मंत्रालय ने कहा, "संशोधित ढांचे के तहत, जंगली जानवरों के हमले से होने वाले फसल नुकसान को अब स्थानीयकृत जोखिम श्रेणी के तहत पाँचवें अतिरिक्त कवर के रूप में मान्यता दी जाएगी।"

     

    किसानों को कैसे मिलेगा इस योजना का फायदा


    राज्य फसल क्षति के लिए ज़िम्मेदार जंगली जानवरों की सूची जारी करेंगे और ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर संवेदनशील जिलों या बीमा इकाइयों की पहचान करेंगे। मंत्रालय ने कहा, "किसानों को फसल बीमा ऐप का इस्तेमाल करके जियोटैग की गई तस्वीरें अपलोड करके 72 घंटों के भीतर नुकसान की सूचना देनी होगी।"

    कई राज्य इस संबंध में मांग कर रहे हैं

    बयान में कहा गया है, "पीएमएफबीवाई परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार रूपरेखाएं तैयार की गई हैं, जो देश भर में कार्यान्वयन के लिए एक वैज्ञानिक, पारदर्शी और परिचालन रूप से व्यवहार्य ढाँचा सुनिश्चित करती हैं और इसे खरीफ 2026 से लागू किया जाएगा।"


    मंत्रालय ने बताया कि जंगली जानवरों के हमलों से होने वाले फसल नुकसान की अक्सर भरपाई नहीं हो पाती क्योंकि वे फसल बीमा के अंतर्गत कवर नहीं होते।

    बयान में कहा गया है, "बाढ़-प्रभावित और तटीय राज्यों में धान की खेती करने वाले किसान भारी बारिश और जलमार्गों के उफान पर होने के दौरान बार-बार जलप्लावन से प्रभावित होते रहे हैं।" नैतिक जोखिम और जलमग्न फसलों के आकलन में कठिनाई की चिंताओं के कारण 2018 में धान की बाढ़ को स्थानीय आपदा श्रेणी से हटा दिया गया था। हालाँकि, इसे बाहर करने से मौसमी बाढ़ की आशंका वाले जिलों के किसानों के लिए सुरक्षा में एक बड़ा अंतर पैदा हो गया।

    इन उभरते जोखिमों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, कृषि विभाग ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति की सिफारिशों को अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी दे दी है।

    धान की बाढ़ से होने वाला फसल नुकसान भी होगा कवर 


    मंत्रालय ने कहा कि उसने अब पीपीएमएफबीवाई के तहत 'जंगली जानवरों के हमलों और धान की बाढ़ से होने वाले फसल नुकसान' को कवर करने के तौर-तरीकों को मान्यता दे दी है। "इस महत्वपूर्ण निर्णय से, स्थानीय स्तर पर फसल क्षति से पीड़ित किसानों को अब पीएमएफबीवाई के तहत समय पर और तकनीक-आधारित दावा निपटान प्राप्त होगा।"

    इन राज्यों के किसानों को होगा बड़ा फायदा 

    इस कवरेज से ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और उत्तराखंड जैसे उच्च मानव-वन्यजीव संघर्ष वाले राज्यों के किसानों को उल्लेखनीय लाभ होने की उम्मीद है। असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों के किसान भी लाभान्वित होंगे। 

    यह भी पढ़ें: 21वीं किस्त आने के एक दिन पहले कृषि मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट, कितने बजे ट्रांसफर होगी राशि?

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें