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    JP Power किसकी होगी? अदाणी और अनिल के बाद इस दिग्गज ग्रुप ने मारी एंट्री; लगा दी ₹7400 करोड़ की बोली

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 06:19 PM (IST)

    JP Power जयप्रकाश एसोसिएट्स (JP Associates) की जेपी पावर को खरीदने के लिए एक से एक बड़े दिग्गज ग्रुप मैदान में है। जयप्रकाश पावर वेंचर्स को खरीदने की रेस में गौतम अदाणी और अनिल अग्रवाल के बाद उदय कोटक की Kotak Alternate Assets की भी एंट्री हो चुकी है। ग्रुप ने 7400 करोड़ रुपये की बोली लगाई है।

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    JP Power किसकी होगी? अदाणी और अनिल के बाद इस दिग्गज ग्रुप ने मारी एंट्री; लगाया ₹7400 करोड़ का दांव

    नई दिल्ली। जेपी ग्रुप की मूल कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स (JP Associates) तो बिक चुकी है। वेदांता ने 17000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर अपने नाम किया। अब जेपी की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी JP Power को खरीदने के लिए फिर से दिग्गजों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। दरअसल, अभी तक अनिल अग्रवाल की वेदांता और अदाणी समूह की Adani Power इस रेस में थे। लेकिन अब इसमें एक और दिग्गज ग्रुप की एंट्री हो चुकी है। अब जेपी पावर को खरीदने की रेस में उदय कोटक की कोटक अल्टरनेट एसेट्स भी मैदान में आ कूद चुकी है।

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    रिपोर्ट्स के अनुसार, कोटक अल्टरनेट एसेट्स, जयप्रकाश पावर वेंचर्स के प्रेफरेंस शेयरों और डेट के लिए ₹7,400 करोड़ की बोली लगाकर शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरी है। यह कदम वेदांता की जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के लिए ₹17,000 करोड़ की बोली लगाने के बाद की योजनाओं में बाधा डाल सकता है। क्योंकि इससे उसे JAL के पोर्टफोलियो की सबसे मूल्यवान संपत्ति Jaypee Power पर नियंत्रण मिल जाएगा।

    बोली जीतने पर कोटक ग्रुप को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी?

    Kotak Alternate Assets ने Jaiprakash Power Ventures में अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय अधिमान्य शेयरों (CCPS) के लिए ₹3,805 करोड़ और लोन के लिए ₹3,600 करोड़ की बोली लगाई है। सीसीपीएस के परिवर्तन के बाद, कोटक को 25% हिस्सेदारी मिल जाएगी, जिससे सेबी के नियमों के अनुसार 26% अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश शुरू हो जाएगी।

    पूर्ण सदस्यता प्राप्त होने पर, कोटक अल्टरनेट एसेट्स, जेपी पावर में 50% से अधिक हिस्सेदारी पर नियंत्रण कर सकेगा, जो JLL की वर्तमान 24% हिस्सेदारी को पीछे छोड़ देगा।

    वेदांता ने 17 हजार करोड़ में जीती थी JP Associates की बोली

    वेदांता ने हाल ही में ₹17,000 करोड़ की बोली जीती थी। इससे उसे जेपी पावर सहित होल्डिंग कंपनी की संपत्तियों पर नियंत्रण मजबूत करने की उम्मीद है। कोटक के प्रवेश और जेपी पावर में संभावित बहुमत नियंत्रण से JAL का प्रभाव कम हो गया है।

    कितनी बिजली बनाती है JP Power

    जयप्रकाश पावर वेंचर्स के पास कुल 2.2 गीगावाट क्षमता वाली बिजली उत्पादन की क्षमता है। इसमें तापीय और जलविद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में ₹2,200 करोड़ का ऑपरेशनल प्रॉफिट लाभ दर्ज किया। JP Power, जेएएल की सहायक कंपनियों में सबसे महत्वपूर्ण कंपनी है। ऐसे में इसे खरीदने के लिए बडे़-बड़े ग्रुप दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

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