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    "अगर लोग आपको पत्थर मारें तो आप...", रतन टाटा के वो कोट्स, जो आपको जीना सिखा देंगे

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 07:07 AM (IST)

    रतन टाटा आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके शब्द और प्रभावशाली व्यक्तित्व आज भी हमारे बीच जिंदा है। उनके शब्द सिर्फ बातें नहीं उनके जीवन का अनुभव थीं। उनकी सोच हर उस शख्स के लिए एक आईना है जो सपने सच करना चाहता है। तो आइए इस खबर में जानते हैं- रतन टाटा (Ratan Tata Quotes) के वो मंत्र जो आपको जीना सिखा देंगे।

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    रतन टाटा के शब्द और प्रभावशाली व्यक्तित्व आज भी हमारे बीच जिंदा है।

    नई दिल्ली| रतन टाटा...वो शख्सियत, जिसने टाटा को सिर्फ एक ब्रांड नहीं बल्कि भरोसे का दूसरा नाम बना दिया। रतन टाटा आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके शब्द और प्रभावशाली व्यक्तित्व आज भी हमारे बीच जिंदा है। उनके शब्द सिर्फ बातें नहीं थीं, बल्कि उनके जीवन का अनुभव थीं। उनकी सोच हर उस शख्स के लिए एक आईना है, जो सपने देखता है और सच करना चाहता है। तो आइए, इस खबर में जानते हैं- रतन टाटा (Ratan Tata Quotes) के वो मंत्र, जो आपको रास्ता दिखाएंगे और गर्व से जीना सिखा देंगे। 

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    जीना सिखा देंगे रतन टाटा ये 10 कोट

    1. जिंदगी टीवी सीरियल नहीं होती, असल जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ काम होता है। 
    2. अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए, लेकिन अगर आप दूर तक जाना चाहते हैं तो सबके साथ चलिए।
    3. अगर लोग आपको पत्थर मारें, तो आप उनका इस्तेमाल अपना महल बनाने में कर लीजिए। 
    4. हम सबके पास समान प्रतिभा नहीं है, लेकिन प्रतिभा विकसित करने के लिए समान अवसर जरूर हैं।
    5. लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता, पर उसकी जंग उसे ही खत्म कर देती है। ठीक इसी तरह इंसान को कोई नहीं मिटा सकता, लेकिन उसकी अपनी सोच ही उसे खत्म कर देती है।
    6. अपनी जड़ें कभी मत भूलो, और जहां से तुम आए हो उस पर हमेशा गर्व करो।
    7. नेतृत्व का मतलब हुकूमत करना नहीं होता, असली नेतृत्व उन लोगों की देखभाल करने में है जो तुम्हारी जिम्मेदारी में हैं।
    8. किसी लड़ाई को जीतने के लिए तुम्हें उसे एक बार से ज्यादा बार लड़ना पड़ सकता है।
    9. जब तुम एक सपना लेकर और पूरे जुनून से काम करते हो, तो सफलता निश्चित है।
    10. सीखना कभी बंद मत करो, खुद को लगातार चुनौती दो ताकि तुम बढ़ो और विकसित हो सको।

    यह भी पढ़ें- "अगर कोई सिर पर बंदूक रखे तो दो ही विकल्प, पहला...", दुनिया छोड़ने से पहले रतन टाटा ने आखिर क्यों कही थी ये बात?

    नैनो का प्लांट शिफ्ट किया, लेकिन सिर नहीं झुकने दिया

    रतन टाटा ने अपने पूरे जीवन में ईमानदारी और मूल्यों से कभी भी समझौता नहीं किया। टाटा समूह के चेयरमैन रहते हुए उन्हें कई बार ऐसे हालात का सामना करना पड़ा, जब समझौता आसान था, लेकिन सही नहीं। उनमें से एक मशहूर किस्सा पश्चिम बंगाल के सिंगूर का है, जहां नैनो कार फैक्ट्री (Nano Plant) का जमीन विवाद सामने आया।

    यह आंदोलन इतना तेज हुआ कि टाटा को कंपनी का प्लांट शिफ्ट करना पड़ा। कई लोगों ने सोचा कि रतन टाटा पीछे हट जाएंगे, लेकिन उन्होंने डटकर फैसला लिया और पूरी फैक्ट्री गुजरात ले गए। यह उनकी उसी सोच का उदाहरण था कि सिर झुकाना विकल्प नहीं है। सही काम के लिए चाहे कितनी भी मुश्किल आए, डटे रहना चाहिए।

    वो वजह, जिसने नहीं लगने दिया भ्रष्टाचार का दाग

    रतन टाटा का नाम हमेशा ईमानदारी के साथ लिया जाता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्होंने कभी राजनीति और सत्ता से करीबी रिश्ते बनाने की कोशिश नहीं की। यही वजह थी कि टाटा समूह पर कभी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप नहीं लगे। यह आसान नहीं था, क्योंकि कारोबार की दुनिया में अक्सर शॉर्टकट और गलत रास्ते अपनाने का दबाव होता है।

    बता दें कि 9 अक्टूबर 2024 को रतन टाटा का निधन मुंबई के Breach Candy अस्पताल में हुआ था।