RBI का बड़ा एलान, रीइश्यू करेगा ₹36000 करोड़ की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज; जानें कब होगी नीलामी?
RBI ने 22 अगस्त को 36000 करोड़ रुपए की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ की नीलामी कराने का ऐलान किया है। यह नीलामी मुंबई स्थित आरबीआई कार्यालय में होगी। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक इस री-इश्यू 6000 करोड़ रुपए की 5.91% गवर्नमेंट सिक्योरिटी (GS) 2028 और 30000 करोड़ रुपए की 6.33% गवर्नमेंट सिक्योरिटी (GS) 2035 शामिल होंगी।

नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने 22 अगस्त को 36,000 करोड़ रुपए की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ की नीलामी कराने का ऐलान किया है। यह नीलामी मुंबई स्थित आरबीआई कार्यालय में होगी।
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, इस री-इश्यू 6,000 करोड़ रुपए की 5.91% गवर्नमेंट सिक्योरिटी (GS) 2028 और 30,000 करोड़ रुपए की 6.33% गवर्नमेंट सिक्योरिटी (GS) 2035 शामिल होंगी। इसके अलावा, सरकार को हर एक सिक्योरिटी पर अतिरिक्त 2,000 करोड़ रुपए तक की सब्सक्रिप्शन रखने का विकल्प भी रहेगा।
कैसे नीलामी करेगा आरबीआई?
बोली RBI के ई-कुबेर सिस्टम के जरिए ऑनलाइन ली जाएगी। नॉन-कम्पटीटिव बिड सुबह 10:30 से 11:00 बजे तक ली जाएंगी। जबकि कम्पटीटिव बिड सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक स्वीकार की जाएंगी।
कम्पटीटिव बिड में बड़े निवेशक अपनी पसंद का प्राइस या यील्ड बताते हैं और अलॉटमेंट कट-ऑफ प्राइस के आधार पर तय होता है। वहीं नॉन-कम्पटीटिव बिड में छोटे निवेशकों को औसत नीलामी कीमत पर सिक्योरिटी अलॉट की जाती है।
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छोटे निवेशकों के लिए रिजर्वेशन
सरकार ने छोटे निवेशकों और पात्र संस्थाओं के लिए कुल नोटिफाइड अमाउंट का 5% हिस्सा रिजर्व रखा है।
ब्याज और भुगतान की तारीखें
5.91% जीएस 2028 पर ब्याज हर साल 30 जून और 30 दिसंबर को मिलेगा और इसकी मैच्योरिटी 30 जून 2028 को होगी। जबकि 6.33% जीएस 2035 पर ब्याज हर साल 5 मई और 5 नवंबर को मिलेगा और इसकी मैच्योरिटी 5 मई 2035 को होगी।
नीलामी के नतीजे 22 अगस्त को आरबीआई की वेबसाइट पर जारी होंगे। सफल बोली लगाने वालों को भुगतान 25 अगस्त 2025 तक करना होगा। इसमें 24 अगस्त तक का ब्याज भी शामिल होगा।
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क्यों जारी होती हैं ये सिक्योरिटीज?
सरकार समय-समय पर ऐसी सरकारी प्रतिभूतियां जारी करती रहती है। यह उसके नियमित उधार कार्यक्रम का हिस्सा है, जिससे वित्तीय जरूरतें पूरी होती हैं।
यानी आसान शब्दों में कहें तो सरकार निवेशकों को सरकारी बॉन्ड्स में शामिल होने का मौका दे रही है। इससे बड़े संस्थानों के साथ-साथ छोटे निवेशक भी फायदा उठा सकते हैं।
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