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    2.5 करोड़ व्‍यापारियों के काम की खबर, अब कहलाएंगे MSME और मिलेंगे ढेरों फायदे

    By Ashish DeepEdited By:
    Updated: Thu, 08 Jul 2021 09:53 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म लघु और मझोले उपक्रमों (MSME) की श्रेणी में लाने के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। इससे खुदरा और थोक व्यापार को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप प्राथमिकता क्षेत्र कर्ज (Loan) का फायदा मिल सकेगा।

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    2 जुलाई को सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को एमएसएमई का दर्जा दे दिया था। (Pti)

    नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (MSME) की श्रेणी में लाने के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। इससे खुदरा और थोक व्यापार को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुरूप प्राथमिकता क्षेत्र कर्ज (Loan) का फायदा मिल सकेगा। इससे पहले सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम (MSME) मंत्रालय ने दो जुलाई को खुदरा और थोक व्यापार को प्राथमिकता क्षेत्र कर्ज के लिए MSME के तहत लाने का फैसला किया था।

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    संशोधित दिशानिर्देशों से ढाई करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा। इससे उन्हें अपना पंजीकरण एमएसएमई के लिए उद्यम पोर्टल पर भी कराने की अनुमति होगी।

    इस महीने लिया सरकार ने फैसला

    बता दें कि 2 जुलाई को सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का दर्जा दे दिया था। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। काफी लंबे समय से खुदरा और थोक व्यापारी इस दर्जे की मांग कर रहे थे।

    सस्‍ती दरों पर मिलेगा Loan

    गडकरी ने कहा कि खुदरा और थोक व्यापार अब तक एमएसएमई के दायरे से बाहर थे। नए बदलाव से अब इन्हें भी एमएसएमई की तरह भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के तहत प्राथमिकता के आधार पर बैंकों से कर्ज मिल सकेगा। इसके तहत बैंक कृषि, एमएसएमई और कुछ अन्य निर्धारित सेक्टर को सस्ती दरों और प्राथमिकता के आधार पर कर्ज देते हैं। बैंकों को अपने कुल कर्ज में से एक हिस्सा इन सेक्टर के लिए रखना होता है।

    क्‍या फायदा होगा

    एमएसएमई के दायरे में शामिल होने के बाद अब खुदरा और थोक व्यापारी उद्यम पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकेंगे। एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत कारोबारी ही एमएसएमई से जुड़ी सरकारी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (राई) के सीईओ कुमार राजगोपालन के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों का सामना कर रहे रिटेलर्स को सरकार के इस फैसले बड़ी राहत मिलेगी।