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    आज भी रुपया हुआ कमजोर, जानें रुपया गिरने और बढ़ने से आपकी जेब पर क्या होता है असर?

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 10:27 AM (IST)

    Rupee vs Dollar रुपया की वैल्यू कम और ज्यादा होने पर आपकी जेब पर डायरेक्ट प्रभाव पड़ता है। आज 16 अप्रैल को रुपयो की वैल्यू यूएस डॉलर से कमजोर चल रही है। अभी सुबह 9.59 बजे रुपये की वैल्यू यूएस डॉलर से 0.18 फीसदी नीचे हैं। जिसका असर कही ना कही आम आदमी पर भी बढ़ता है। वहीं बिजनेसमैन को भी बड़ा नुकसान होता है।

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    रुपया गिरने और बढ़ने से आप पर क्या होगा प्रभाव?

     बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ की खबर के बाद विश्व अर्थव्यवस्था डगमगाई हुई है। इसका सीधा असर गोल्ड, रुपयों की वैल्यू और शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। हालांकि इस टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। लेकिन अभी भी अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर जारी है। इससे बाकी देशों का ध्यान इन दोनों पर बना हुआ है।

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    वहीं विश्व अर्थव्यवस्था में भी हलचल है। इसके कारण गोल्ड का प्राइस लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं रुपयो की वैल्यू भी डाउन जारी है।

    कितनी गिरी है आज रुपया की वैल्यू?

    अभी लिखते समय सुबह 10.07 बजें 1 रुपया की वैल्यू यूएस डॉलर के मुकाबले 0.15 फीसदी नीचे जा रही है। 1 डॉलर लेने के लिए हमें 85,6096 रुपये देने होंगे। रुपया की वैल्यू में आई गिरावट और बढ़त का असर आम आदमी पर सबसे ज्यादा होता है। वहीं बिजनेसमैन को भी नुकसान झेलना पड़ता है।

    आम आदमी पर होने वाला प्रभाव?

    रुपया गिरने पर - अगर रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले कम होती है। तो ये एक तरह से आने वाली महंगाई की ओर इशारा कर रहा है। इसे ऐसे समझें कि रुपया की वैल्यू कम होने से हमे आयात करने पर दूसरे देशों को ज्यादा पैसे देने होंगे। वहीं दूसरे देश हम से कम पैसों में माल निर्यात कर सकते हैं।

    जिसका मतलब हुआ कि रुपया गिरने से उन वस्तुओं की कीमत बढ़ सकती है। जो बाहर से निर्यात होते हो। जैसे सोना और तेल।

    उदाहरण के लिए- शाम एक बड़ा बिजनेसमैन है। उसके पास कई बड़ी कार मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्रियां है। इसलिए वे इलेक्ट्रिक पार्ट्स विदेशों से आयात करता है। अब रुपयों की वैल्यू गिरने से जहां शाम पहले कुल आयात लगभग 15 लाख रुपये में कर लेता था। अब उसका 20 लाख रुपये तक का खर्च लग जाता है।

    इन खर्चो को वो अपने लाभ से कवर करने की कोशिश करता है। वहीं ये तय करता है कि वे कार अब महंगे दामों में बेचेगा। इस तरह से अर्थव्यवस्था में महंगाई बढ़ती है।

    रुपया बढ़ने पर- अगर रुपया की वैल्यू डॉलर के मुकाबले बढ़ती है। तो इससे आयात होने वाली वस्तु अब और सस्ते में मिलेगी। जिससे अर्थव्यवस्था में महंगाई कम होगी। हालांकि महंगाई कई ओर पैमाने पर भी तय होती है। जैसे दाम कम होने से खरीदने की श्रमता बढ़ेगी और फिर व्यापारी डिमांड देखते हुए दाम और बढ़ा देंगे।

    इसलिए इसका नेगेटिव प्रभाव भी दिख सकता है।

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