'परिवार से सबकुछ छीन लिया', संजय कपूर की बहन ने कंपनी पर लगाया आरोप, कहा- अजनबियों जैसा व्यवहार हो रहा
सोना कॉमस्टार के दिवंगत चेयरमैन संजय कपूर की बहन मंदिरा कपूर स्मिथ ने बड़ा आरोप लगाया। उनका कहना है कि जिस कंपनी को उनके पिता ने खड़ा किया था उसी कंपनी ने परिवार खासकर 80 साल की उनकी मां रानी कपूर को इग्नोर कर दिया। उनके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे अजनबी हों। कुछ ही दिनों में हमारे परिवार से सबकुछ छीन लिया गया।

नई दिल्ली| सोना कॉमस्टार के दिवंगत चेयरमैन संजय कपूर (Sunjay Kapoor) की बहन मंदिरा कपूर स्मिथ (Mandira Kapoor Smith) ने बड़ा आरोप लगाया। उनका कहना है कि जिस कंपनी को उनके पिता ने खड़ा किया था, उसी कंपनी ने परिवार, खासकर 80 साल की उनकी मां रानी कपूर को इग्नोर कर दिया है।
एक इंटरव्यू में मंदिरा ने कहा कि, "परिवार के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे अजनबी हों।" मंदिरा का कहना है कि कुछ ही दिनों में हमारे परिवार से सबकुछ छीन लिया गया। शोक संदेश और सार्वजनिक घोषणाओं में भी परिवार के नाम नहीं दिए गए।
"मां को कंपनी से बाहर कर दिया"
मंदिरा ने दावा किया कि उनकी मां रानी कपूर (Rani Kapoor) ने पिता सुरिंदर कपूर के साथ मिलकर ज्वैलरी ट्रेड से शुरू हुआ बिज़नेस ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) तक पहुंचाया। बावजूद इसके, आज उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मेरी मां को कुछ सम्मान दिया जाना चाहिए था। वह मेरे पिता के साथ मिलकर इस कंपनी की संस्थापक जैसी हैं। उन्हें कम से कम बोर्ड में नॉन-एक्जीक्यूटिव सीट दी जानी चाहिए थी।
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परिवार vs कंपनी का विवाद तेज
मंदिरा का कहना है कि कपूर परिवार और सोना कॉमस्टार (Kapoor Family and Sona Comstar) के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि कंपनी ने रानी कपूर को सीज़-एंड-डिसिस्ट नोटिस भेज दिया। रानी कपूर ने बोर्ड को लिखे पत्र में कहा कि वह अपने पति सुरिंदर कपूर की संपत्ति की इकलौती उत्तराधिकारी और सोना ग्रुप की बहुलांश शेयरधारक हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन पर दबाव डालकर कागजात पर साइन करवाए गए, जिनसे उनकी बहू प्रिया सचदेव कपूर को कंपनी के बोर्ड में नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया। वहीं, कंपनी का कहना है कि रानी कपूर 2019 से कंपनी से सीधे या परोक्ष रूप से किसी भी तरह से जुड़ी नहीं हैं।
मीटिंग टालने की बात पर माफी की मांग
मंदिरा ने यह भी बताया कि कंपनी ने उनकी मां से कहा कि वे बोर्ड मीटिंग टालने की रिक्वेस्ट करने पर सार्वजनिक माफी मांगें। उन्होंने कहा कि मेरी मां को किनारे कर दिया गया है। किसी ने उनकी भावनाओं का ख्याल नहीं रखा, जबकि उन्होंने पिता के साथ कंपनी बनाने में पूरा साथ दिया था। उनके लिए सोना कंपनी एक बच्चे जैसी है। मीटिंग में देरी की मांग करना कोई गलत बात नहीं थी।
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"मामला पैसे का नहीं विरासत का है"
मंदिरा ने कहा कि यह विवाद सिर्फ पैसों का नहीं बल्कि इज्जत और विरासत का है। जिन्होंने कंपनी बनाई नहीं, उन्हें इसमें सिर्फ पैसा दिखेगा। लेकिन हमने इसे बनाया है, हमें इसमें पापा के सपने और लेगेसी दिखती है।
वहीं मंदिरा ने आगे बताया कि उनकी मां अब भी संजय कपूर की अचानक मौत को लेकर सवाल पूछ रही हैं। वह फिट थे। आखिर यह कैसे हुआ? मेरी मां रोज़ यही सवाल पूछती हैं।
बता दें कि संजय कपूर का निधन 12 जून को दिल का दौरा पड़ने से हुआ। मौत से पहले वह पोलो खेल रहे थे। वे 30,000 करोड़ की कंपनी सोना कॉमस्टार के चेयरमैन थे।
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