Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    100 साल से भी ज्‍यादा पुराना है SBI का इतिहास, 1955 से पहले इस नाम से जाना जाता था बैंक; पढ़ें पूरी कहानी

    By Priyanka KumariEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Thu, 22 Feb 2024 04:25 PM (IST)

    भारतीय स्टेट बैंक (SBI) देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नाम बदला गया है। एसबीआई बैंक का अस्तित्व 100 साल से भी पुराना है। वर्तमान में एसबीआई देश के पांचवी सबसे बड़ी कंपनी है। चलिए आज हम आपको एसबीआई बैंक के सफर के बारे में विस्तार से जानते हैं। पढ़ें पूरी खबर...

    Hero Image
    100 साल से भी ज्‍यादा पुराना है SBI का इतिहास

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) किसी पहचान का मोहताज नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया है। मार्केट कैप के हिसाब से एसबीआई अब देश की पांचवीं सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। 21 फरवरी को एसबीआई ने इन्फोसिस (Infosys) को पीछे छोड़ते हुए अपनी जगह टॉप-5 में बनाई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि एसबीआई का टोटल एम-कैप 6,88,578.43 करोड़ रुपये हो गया है जो इन्फोसिस से  1,228.48 करोड़ रुपये ज्यादा है। इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 6,87,349.95 करोड़ रुपये था।

    लेकिन आज कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे एसबीआई की हालत पहले ऐसी नहीं थी। बैंक ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। एसबीआई ने देश की आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चलिए, एसबीआई के सफर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

    भारतीय स्टेट बैंक का बदला गया था नाम

    भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना ब्रिटिश शासन में किया गया था। वर्ष 1806 में बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ मद्रास और बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना हुई थी। इन सभी बैंकों को मिलाकर 27 जनवरी 1921 में इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank Of India) बनाया गया।

    स्वतंत्रता के बाद सन् 1955 में इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया का नाम बदलकर भारतीय स्टेट बैंक कर दिया गया।

    एसबीआई को देश के कई बैंकों के साथ मर्जर किया गया है। इसके बाद वह देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया। पिछले वर्ष एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी के मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया और एसबीआई पहले पायदान से फिसलकर दूसरे पायदान पर पहुंच गया।  

    वर्तमान में अगर एसबीआई कस्टमर के आंकड़ों को देखें तो वह 50 करोड़ के पार पहुंच गई है।

    एसबीआई बैंक के बारे में

    स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक पब्लिक बैंक है। हालांकि, इसका स्वामित्व भारत सरकार के पास है। यह देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। ऐसे में इसके ब्रांच देश के बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक पहुंच गए हैं।

    एसबीआई अपने ग्राहकों को कई तरह की एफडी स्कीम, लोन और फॉरेन एक्सचेंज जैसे सुविधा देता है। एसबीआई का परचम देश के बाहर भी फैल रहा है। विदेश में एसबीआई के 200 से ज्यादा ब्रांच है। वहीं एटीएम की बात करें तो देश में ज्यादा एटीएम एसबीआई बैंक के ही हैं।

    एसबीआई के ग्राहकों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इसमें एफडी स्कीम के साथ ही ग्राहकों को पेमेंट सॉल्यूशन और कई वित्तीय सुविधाएं भी मिलती है।

    इसके अलावा बैंक अपने ग्राहकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana) और अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) जैसे कई सरकारी स्कीम का लाभ भी दे रहा है।

    एसबीआई ग्राहकों को देता है ये सुविधाएं

    ग्राहकों को बचत के लिए बैंक द्वारा एसबीआई सेविंग बैंक, करेंट बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट अमाउंट जैसी कई सुविधा देता है। वहीं आपात स्थिति में भी बैंक ग्राहकों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाता है।

    एसबीआई कस्टमर को पर्सनल लोन (Personal Loan), होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), बिजनेस लोन (Business Loan), एग्रीकल्चर लोन (Agriculture Loan) जैसे कई सुविधा देता है।

    इन सबके अलावा एसबीआई कस्टमर देश और विदेश में भी आसानी से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। बैंक ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग के साथ मोबाइल बैंकिंग का भी लाभ देता है।

    इसके लिए बैंक ने योनो ऐप (YONO App) लॉन्च किया है। इस ऐप के जरिये अब ग्राहक अकाउंट ओपन से लेकर बिना एटीएम कार्ड (ATM Card) के भी कैश निकाल सकते हैं।  

    देश के लिए कितना जरूरी है एसबीआई

    देश के वित्तीय ढांचे में एसबीआई रीढ़ की भूमिका निभाता है। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अपनी सुविधाओं देता है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में भी एसबीआई बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    यहां तक कि कई सेक्टर में लोन देकर यह देश की आर्थिक विकास में योगदान देता है।