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    GDP डाटा के बाद आया एक और अच्छा आर्थिक आंकड़ा, PMI सर्विसेज इंडेक्स बढ़कर 59.8 पर पहुंचा, इसके क्या मायने

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 06:38 PM (IST)

    नवंबर में भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट में तेजी दर्ज की गई। अक्टूबर के PMI सर्विसेज इंडेक्स 58.9 के मुकाबले नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया। परचेजिं ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। जीडीपी डाटा के बाद अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के मोर्चे पर एक और अच्छी खबर है। नए कारोबार में तेजी और कीमतों पर कम दबाव के चलते नवंबर में भारत के सेवा क्षेत्र (Indias Service Sector) की वृद्धि दर में तेजी दर्ज की गई। अक्टूबर के पीएमआइ सर्विसेज इंडेक्स 58.9 के मुकाबले नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया। परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआइ) की भाषा में 50 से ऊपर का मतलब विस्तार है जबकि 50 से कम का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।

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    एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय बिक्री में सुधार जारी रहा, क्योंकि कंपनियों ने एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया से बिक्री में लाभ की सूचना दी है। हालांकि, विस्तार की दर आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई है। इसका बड़ा कारण यह है कि दूसरी जगहों पर सस्ती सेवाओं की सप्लाई ने वृद्धि दर को धीमा किया है।"

    मजबूत रहा कंपोजिट PMI

    भंडारी ने कहा कि विदेश में सेवाओं के सस्ता मिलने के चलते अंतरराष्ट्रीय बिक्री आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। भंडारी ने आगे कहा कि रोजगार सृजन में वृद्धि मामूली रही, क्योंकि ज्यादातर कंपनियों ने नए कर्मचारियों को रखने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

    इस बीच, भारत का कंपोजिट पीएमआई मजबूत रहा, लेकिन नवंबर में यह थोड़ा कम होकर 59.7 पर आ गया, जो फैक्ट्री उत्पादन की वृद्धि में कमी को दिखाता है। कंपोजिट पीएमआइ इंडेक्स एक जैसे मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआइ इंडेक्स का भारित औसत है।

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    इससे पहले जीडीपी डाटा जारी करते हुए सरकार ने बताया था कि विनिर्माण क्षेत्र ने सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए 9.1% की वृद्धि दिखाई, जबकि कृषि क्षेत्र 3.5% पर रहा। खपत के मोर्चे पर आम लोगों का निजी उपभोग (PFCE) 7.9% बढ़ा, जो पिछले साल के 6.4% से काफी बेहतर है। निवेश के संकेतक पूंजी निर्माण (GFCF) में भी 7.3% की मजबूत वृद्धि दर्ज हुई।

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