Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मानसून पर निर्भर है चीनी निर्यात मानसून, 2024-25 में कम हो सकता है गन्ने का उत्पादन

    By Agency Edited By: Ankita Pandey
    Updated: Tue, 28 May 2024 10:27 PM (IST)

    भारत 2024-25 सीजन में गन्ने की अंतिम बुआई और उत्पादन का आकलन करने के बाद चीनी निर्यात की अनुमति दे सकता है। इसका कारण ये है कि भारत को अगले सीजन में 30 मिलियन टन कम चीनी उत्पादन की उम्मीद है। आपको बता दें कि यह ब्राजील के बाद दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक है। पिछले साल भारत में 32.8 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ।

    Hero Image
    2024-25 में कम हो सकता है गन्ने का उत्पादन , चीनी के निर्यात पर पड़ेगा असर

    पीटीआई, नई दिल्ली। सूत्रों ने जानकारी मिली है कि भारत 2024-25 सीजन में गन्ने की अंतिम बुआई और उत्पादन का आकलन करने के बाद चीनी निर्यात की अनुमति दे सकता है, क्योंकि ब्राजील के बाद दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक को अगले सीजन में 30 मिलियन टन कम चीनी उत्पादन की उम्मीद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों ने कहा कि सितंबर में समाप्त होने वाले मौजूदा 2023-24 सीजन के लिए, चीनी उत्पादन अब तक 31.5 मिलियन टन तक पहुंच गया है। वहीं अंतिम उत्पादन 31.8 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि तमिलनाडु और कर्नाटक में मिलें गन्ने की पेराई बंद कर देंगी।

    पिछले साल 32.8 मिलियन टन चीनी का उत्पादन

    पिछले साल भारत में 32.8 मिलियन टन चीनी का उत्पादन हुआ। व्यापार अनुमान के अनुसार, कर्नाटक में कम बुआई के कारण 2024-25 सीजन में चीनी उत्पादन 30 मिलियन टन कम होने का अनुमान है।

    सूत्रों की मानें तो उद्योग ने 1 मिलियन टन चीनी के निर्यात की मांग की है। चूंकि हम अगले साल कम चीनी उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं और इथेनॉल उत्पादन के लिए स्टॉक की आवश्यकता है, सरकार की प्राथमिकता घरेलू खपत के साथ-साथ इथेनॉल के लिए उपलब्ध स्टॉक सुनिश्चित करना है।

    यह भी पढ़ें - भारतीय शेयर बाजार में जारी रह सकता है मंदी का दौर, चुनाव परिणाम आने तक अस्थिरता का अनुमान

    जुलाई बाद चीनी उत्पादन की स्थिति की समीक्षा

    सूत्र ने कहा कि अधिशेष स्टॉक उपलब्ध होने पर निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। फिलहाल चीनी निर्यात पर अंकुश लगा हुआ है। इसके साथ ही सरकार जुलाई के बाद चीनी उत्पादन की स्थिति की समीक्षा करेगी, जब मानसून फैल जाएगा और गन्ना बुआई का अंतिम डेटा उपलब्ध हो जाएगा। भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, श्रीलंका और मध्य पूर्व जैसे पड़ोसी देशों को चीनी निर्यात करता है।

    यह भी पढ़ें - Reliance oil Deal: भारतीयों को मिलता रहेगा 'सस्ता तेल', मुकेश अंबानी की रिलायंस ने रूसी कंपनी से की डील