पांच वर्ष में दोगुना हो जाएगा गोल्ड लोन बाजार का आकार, रिपोर्ट में खुलासा
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान संस्थागत गोल्ड लोन बाजार में पर्याप्त वृद्धि रही है और इसका आकार 7.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा में सोना है और इनके पास 25 हजार टन सोना होने का अनुमान है। इस सोने का मौजूदा मूल्य करीब 126 लाख करोड़ रुपये है।

पीटीआई, नई दिल्ली। सख्त नियमों के चलते वृद्धि में नरमी के बावजूद देश के संस्थागत गोल्ड लोन बाजार का आकार अगले पांच वर्षों के दौरान दोगुना होकर 14.19 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
गोल्ड लोन बाजार में पर्याप्त वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान संस्थागत गोल्ड लोन बाजार में पर्याप्त वृद्धि रही है और इसका आकार 7.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2028-29 तक 14.85 प्रतिशत वर्ष-दर वर्ष वृद्धि के साथ इसके लगभग 14.19 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
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भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा में सोना
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय परिवारों के पास भारी मात्रा में सोना है और इनके पास 25 हजार टन सोना होने का अनुमान है। इस सोने का मौजूदा मूल्य करीब 126 लाख करोड़ रुपये है। रिपोर्ट के अनुसार, नियामकीय प्राधिकरणों की ओर से सख्ती बढ़ने के कारण अगले दो वर्षों के दौरान गोल्ड लोन बाजार की वृद्धि में नरमी रह सकती है।
आरबीआइ ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को गोल्ड लोन के तौर पर 20 हजार से ज्यादा राशि नकद में नहीं देने की सलाह दी है। इससे ग्राहक गैर-संस्थागत क्षेत्र की ओर से रुख कर सकते हैं।
नियामकीय सख्ती और गाइडलाइंस में संशोधन के कारण प्रमुख एनबीएफसी के शेयरों में भी गिरावट आई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष के दौरान सोने की कीमतों में तेज वृद्धि रही है। इस कारण भी गोल्ड लोन देने वाले ब्याज दरों और मूल्य निर्धारण को लेकर सतर्क रुख अपना सकते हैं।
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