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    ट्रंप की नीतियों ने कर दिया बंटाधार; US में टमाटर से लेकर रोजमर्रा का सामान महंगा, बेरोजगारी ने तोड़ा 4 साल का रिकॉर्ड!

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:26 PM (IST)

    Stagflation अमेरिका में अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 2.9% तक पहुंच गया जो जनवरी के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। जुलाई में यह दर 2.7% थी। अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक कारों की कीमतों घरेलू सामान और रोज़मर्रा की ग्रॉसरी- खासकर टमाटर और बीफ की बढ़ती कीमतें महंगाई की बड़ी वजह रहीं। मासिक आधार पर अगस्त में CPI 0.4% बढ़ा जबकि जुलाई में यह 0.2% था।

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    ट्रंप की नीतियों ने कर दिया बंटाधार, US में टमाटर से लेकर रोजमर्रा का सामान महंगा।

    नई दिल्ली | राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारी-भरकम टैरिफ नीति का सीधा असर (Trump Tariffs Effect) अब अमेरिकी महंगाई और नौकरियों पर दिखने लगा है। अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 2.9% तक पहुंच गया, जो जनवरी के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। जुलाई में यह दर 2.7% थी। इसके बावजूद, एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

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    अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक, कारों की कीमतों, घरेलू सामान और रोज़मर्रा की ग्रॉसरी- खासकर टमाटर और बीफ की बढ़ती कीमतें महंगाई (consumer inflation) की बड़ी वजह रहीं। मासिक आधार पर अगस्त में CPI 0.4% बढ़ा, जबकि जुलाई में यह 0.2% था।

    ट्रंप की टैरिफ नीतियों का बड़ा असर

    ट्रंप सरकार ने (Trump policies) पिछले महीने से ज्यादातर आयातित सामान पर 10% से 50% तक टैक्स लगा दिया है। इससे कपड़े और घरेलू सामान महंगे हो गए हैं। टमाटर की कीमत अगस्त में 4.5% उछली। अमेरिका में खपत होने वाले करीब 70% टमाटर मैक्सिको से आते हैं। जुलाई में उन पर 17% टैरिफ लगाया गया था।

    यह भी पढ़ें- 690 ट्रांजैक्शन और खरीद डाले ₹8700000000 के बॉन्ड, ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद क्या-क्या खरीदा?

    बैंकिंग समूह बेरनबर्ग के अर्थशास्त्री आताकन बाकिस्कन का कहना है कि,

    "ट्रंप की नीतियां, टैरिफ और इमिग्रेशन नियम महंगाई के आंकड़ों  में साफ दिख रही हैं और उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता को कमजोर कर रही हैं।"

    बेरोजगारी 4 साल के निचले स्तर पर

    महंगाई के साथ नौकरी को बाजार (job losses) लगातार बिगड़ रहा है। अगस्त में सिर्फ 22,000 नई नौकरियां जुड़ीं, जबकि अनुमान कई गुना ज्यादा था। बेरोजगारी दर 4.2% से बढ़कर 4.3% हो गई। लेबर डिपार्टमेंट ने यह भी माना कि मार्च तक के आंकड़ों में करीब 9 लाख नौकरियों की गिनती ज्यादा बताई गई थी।

    वहीं, बीते हफ्ते बेरोज़गारी भत्ते के नए दावे 2.63 लाख तक पहुंच गए, जो चार साल में सबसे ज्यादा हैं।

    महंगाई अभी भी फेडरल रिजर्व के 2% लक्ष्य से ऊपर है। लेकिन कमजोर नौकरी बाजार और धीमी अर्थव्यवस्था को देखते हुए फेड पर दर घटाने का दबाव है।

    अगले हफ्ते ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह शुरुआत है और इस साल और भी कटौती हो सकती है। मॉर्गन स्टेनली की रणनीतिकार एलेन जेंटलर के मुताबिक,

    "महंगाई अभी कहानी का एक हिस्सा है। असली मसला नौकरी का बाजार है। यही दर कटौती की राह तय कर रहा है।"

    अमेरिकी जनता पर क्या असर?

    अगर फेड दरें घटाता है तो लोन सस्ते होंगे। होम लोन, कार लोन और क्रेडिट कार्ड का बोझ कम हो सकता है। लेकिन दूसरी ओर, रोजमर्रा की जरूरतें जैसे सब्जियां, खाने-पीने का सामान और घरेलू वस्तुएं महंगी बनी रह सकती हैं। वजह- ट्रंप की टैरिफ और इमिग्रेशन नीतियां- जिनका असर अभी लंबे समय तक रहेगा।