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    सितंबर तिमाही में बेरोजगारी दर 5.4% से घटकर 5.2% पर आई, लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 06:34 PM (IST)

    September 2025 Unemployment Rate: बेरोजगारी दर अप्रैल-जून तिमाही में 5.4 प्रतिशत थी, यह जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.2 प्रतिशत पर आ गई। शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गई। लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी 33.4% से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2025 में 33.7% हो गई।

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    बेरोजगारी दर में मामूली सुधार

    केंद्र सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही के लिए पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के आंकड़े जारी किए हैं। इनके मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में बेरोजगारी दर (unemployment rate), लेबर फोर्स में महिलाओं की भागीदारी और शहरों में नियमित वेतन पाने वाले कर्मचारियों के अनुपात में मामूली सुधार देखने को मिला है। ग्रामीण क्षेत्र में कृषि में शामिल लोगों की संख्या बढ़ी है, हालांकि इसके लिए खरीफ की बुवाई को कारण बताया गया है।

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    इस सर्वेक्षण के लिए 5,64,828 लोगों से बात की गई। इनमें से 3,22,992 ग्रामीण क्षेत्रों के और 2,41,836 लोग शहरी इलाकों के थे। सर्वेक्षण के मुताबिक 15 साल से अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर अप्रैल-जून तिमाही में 5.4 प्रतिशत थी। यह जुलाई-सितंबर तिमाही में मामूली सुधार के साथ 5.2 प्रतिशत पर आ गई।

    शहरों में बेरोजगारी दर में इजाफा

    हालांकि आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि शहरों में बेरोजगारी दर (unemployment rate) बढ़ी और ग्रामीण इलाकों में कम हुई है। ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर अप्रैल-जून के 4.8 प्रतिशत की तुलना में 4.4 प्रतिशत पर आ गई। लेकिन शहरी इलाकों में यह 6.8 प्रतिशत से बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गई। शहरों में पुरुषों में बेरोजगारी 6.1 प्रतिशत से बढ़कर 6.2 प्रतिशत हुई है। महिलाओं में यह संख्या 8.9 प्रतिशत से बढ़कर 9 प्रतिशत हो गई।

    श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि, महिला भागीदारी भी बढ़ी

    सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों के लिए श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) मामूली रूप से बढ़कर 55.1% हो गई। पिछली तिमाही में यह 55.0% थी। श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी (female workforce) अप्रैल-जून 2025 के 33.4% से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2025 में 33.7% हो गई।

    15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए श्रमिक-आबादी अनुपात (WPR) अप्रैल-जून 2025 के 52.0% से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2025 में 52.2% हो गया। यह बताता है कि इस आयु वर्ग में अधिक लोग श्रम बल में शामिल हुए हैं। अप्रैल-जून 2025 की तुलना में जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान ग्रामीण, शहरी और समग्र, सभी क्षेत्रों में महिला WPR में वृद्धि दर्ज की गई।

    ग्रामीण रोजगार में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ी

    सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान ग्रामीण रोजगार में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 53.5% से बढ़कर 57.7% हो गई। रिपोर्ट में खरीफ की खेती को इसका कारण बताया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-नियोजित (Self-employed) श्रमिकों का अनुपात अप्रैल-जून के 60.7% से बढ़कर जुलाई-सितंबर, 2025 के दौरान 62.8% हो गया।

    शहरों में नियमित वेतन पाने वालों का अनुपात बढ़ा

    शहरों में सेवा क्षेत्र (tertiary sector) में कार्यरत श्रमिकों की हिस्सेदारी पिछली तिमाही के 61.7% से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान 62.0% हो गई। शहरी क्षेत्रों में नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या में मामूली सुधार दर्ज किया गया है। यह अनुपात पिछली तिमाही के 49.4% से बढ़कर जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान 49.8% हो गया।

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