तो क्या बिकने जा रही Vi? US की कंपनी ने रखा ₹53000 Cr का ऑफर; पहले इस डूबती टेलीकॉम ऑपरेटर का कर चुकी बेड़ा पार
अमेरिकी पीई फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) वोडाफोन आइडिया (Vi) में 4-6 अरब डॉलर का निवेश कर सकती है। कंपनी, घाटे में चल रही टेलीकॉम ऑपरेटर का ऑपरेशनल कंट्रोल लेने के लिए भी बातचीत कर रही है। यह निवेश तभी होगा जब सरकार Vi की देनदारियों को कवर करने वाला पैकेज देगी। डील होने पर TGH प्रमोटर बन जाएगी। TGH ने सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भी सौंपा है।

वीआई में अमेरिकी कंपनी कर सकती है निवेश
नई दिल्ली। अमेरिकी पीई फर्म टिलमैन ग्लोबल होल्डिंग्स (TGH) वोडाफोन आइडिया (Vi) में 4-6 अरब डॉलर (लगभग 35,000-52,800 करोड़ रुपये) इन्वेस्ट कर सकती है। ये निवेश के अलावा कंपनी में कैश की कमी और घाटे में चल रही टेलीकॉम ऑपरेटर का ऑपरेशनल कंट्रोल लेने के लिए भी बातचीत कर रही है।
हालांकि, यह निवेश तभी हो पाएगा जब केंद्र सरकार Vi की सभी देनदारियों को कवर करने वाला एक कॉम्प्रिहेंसिव पैकेज देगी, जिसमें एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम पेमेंट पर आधारित बकाया भी शामिल है।
प्रमोटर बन जाएगी TGH
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगर यह डील होती है, तो TGH प्रमोटर का स्टेटस ले लेगी और मौजूदा प्रमोटर्स आदित्य बिड़ला ग्रुप और यूके की वोडाफोन से कंट्रोल अपने हाथ में ले लेगी। वहीं भारत सरकार (जिसकी वीआई में लगभग 49% हिस्सेदारी है) कंपनी में एक पैसिव माइनॉरिटी इन्वेस्टर बनी रहेगी।
डिटेल्ड प्रपोजल कर दिया सबमिट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार न्यूयॉर्क की इन्वेस्टमेंट फर्म TGH सभी बकाया माफ करने की मांग नहीं कर रही है, बल्कि लायबिलिटीज यानी देनदारियों को रीस्ट्रक्चर करने की मांग कर रही है। इससे वीआई को कुछ राहत मिलेगी। TGH ने सरकार के पास एक डिटेल्ड प्रपोजल भी सबमिट कर दिया है।
पहले भी चली है बातचीत
TGH डिजिटल और एनर्जी ट्रांजिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के तेजी से बढ़ते सेक्टर में इन्वेस्ट करती है। इस कंपनी के पास टेलीकॉम ऑपरेटर चलाने की एक्सपर्टीज और फंडामेंटल्स हैं, क्योंकि इसके चेयरमैन और चीफ एग्जीक्यूटिव संजीव आहूजा को 2003-2007 के दौरान डूबती फ्रेंच टेलीकॉम कंपनी ऑरेंज को बचाने और फिर से कामयाब बनाने का क्रेडिट दिया गया था।
TGH ने कई देशों में फाइबर और टावर एसेट्स समेत टेलीकॉम इंफ्रा में इन्वेस्ट किया है। बता दें कि TGH ने पहले भी Vi में इन्वेस्टमेंट को लेकर चर्चा की है। तब लगभग 18 महीने तक बातचीत चली थी।
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सुप्रीम कोर्ट से राहत
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने Vi को राहत दी है। हालांकि इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि यह ऑर्डर सभी AGR बकाया पर लागू होगा या सिर्फ करीब 9,000 करोड़ रुपये की एक्स्ट्रा डिमांड पर लागू होगा। DOT के ऑप्शन डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस ने पहले Vi को 84,000 करोड़ रुपये के बकाया रेगुलेटरी बकाया, जिसमें इंटरेस्ट और पेनल्टी भी शामिल हैं, पर राहत देने के लिए कुछ ऑप्शन तैयार किए थे। उस समय वीआई ने पेमेंट करने में असमर्थता जताई थी।

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