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    'मुझसे ज्यादा काम करते हैं भारत के कर्मचारी', जापान से इंडिया आकर धंधा करने वाले जापानी ने सच बोल दिया?

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 02:01 PM (IST)

    जापानी बिजनेसमैन रेजी कोबायाशी जो भारत में हक्की नामक एक माइक्रो फाइनेंसिंग स्टार्टअप चलाते हैं का कहना है कि भारत स्टार्टअप के लिए जापान से ज्यादा गतिशील और स्वागत करने वाला वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने बिजनेस इनसाइडर से बात करते हुए कहा कि भारत में 1.3 अरब लोग हैं और अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। उनका मानना है कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम जापान से बेहतर है।

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    'मुझसे ज्यादा काम करते हैं भारत के कर्मचारी', जापान से इंडिया आकर धंधा करने वाले जापानी ने सच बोल दिया?

    नई दिल्ली। Viral Business Story: भारत में काम के घंटों को लेकर खूब बहस होती है। कोई 70 घंटे काम करने की बात कहता है तो कोई 50 तो कोई 40 घंटे। भारतीय कर्मचारियों के काम को लेकर सवाल उठाने वाले भारतीय ही रहे हैं। लेकिन अब एक जापानी ने शायद सच बोल दिया है। जापान से भारत आए रेजी कोबायाशी यहीं अपना बिजनेस चलाते हैं। वह भारत में अपने अपने माइक्रो फाइनेंसिंग स्टार्टअप हक्की का विस्तार करने के लिए बेंगलुरु से ही अपने बिजनेस को एक नया आयाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि भारत, जापान की तुलना में स्टार्टअप के लिए अधिक गतिशील और स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग उनसे ज्यादा काम करते हैं।

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    बिजनेस इनसाइडर से बात करते हुए, जापानी एंटरप्रेन्योर रेजी कोबायाशी ने कहा कि भारत का आकार और ऊर्जा इसे अगला तार्किक कदम बनाती है। उन्होंने कहा, "अफ्रीका में 1.4 अरब लोग हैं, लेकिन वे बिखरे हुए हैं। भारत में 1.3 अरब लोग हैं और अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।"

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    गाडी खरीदने के लिए फाइनेंस की सर्विस देने वाली उनकी कंपनी हक्की ने केन्या में 3,500 से ज्यादा कारों को फंड किया है। कंपनी के अब भारत में चार, केन्या में 74 और दक्षिण अफ्रीका में दो कर्मचारी हैं। इसका मुख्यालय जापान में बना हुआ है, जहां से इसकी अधिकांश धनराशि जुटाई गई है। कोबायाशी की योजना 2028 तक जापान में कंपनी को सार्वजनिक करने यानी बाजार में लिस्ट करने की है।

    बेंगलुरु की लाइफ पर क्या बोले जापानी एंटरप्रेन्योर

    कोबायाशी ने कहा कि उन्हें बेंगलुरु का मौसम, कैजुअल ड्रेस संस्कृति और सामाजिक जीवन बहुत पसंद है। उन्होंने कहा, "मैं हर शाम दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलता हूं और क्रिकेट देखता हूं। लेकिन शराब और चिकन के साथ, जिससे मुझे हैरानी हुई क्योंकि मुझे लगता था कि ज्यादातर भारतीय शाकाहारी होते हैं।"

    जापान से अच्छा इकोसिस्टम भारत में

    कोबायाशी ने बताया कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम जापान के मुकाबले तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "भारतीय बिना किसी सटीक अनुमान के नई चीजे आजमाने को तैयार रहते हैं। जापान में फैसले लेने में समय लगता है और आम सहमति की जरूरत होती है।"

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