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    SC से मिले झटके के बाद वोडाफोन आइडिया कैसे चुकाएगी AGR से जुड़ा कर्ज? सीईओ ने बताई कंपनी की प्लानिंग

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 06:58 PM (IST)

    निवेशकों के साथ एक मीटिंग में एजीआर बकाया मुद्दे पर वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि दूरसंचार कंपनी इस संबंध में समाधान के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रही है। इसके साथ ही कंपनी के बोर्ड ने ₹20000 करोड़ का फंड जुटाने पर मंजूरी दे दी है।

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    AGR बकाया के मुद्दे पर कंपनी की सरकार के साथ बातचीत जारी है।

    नई दिल्ली. कर्ज और नकदी संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने कहा कि वह AGR मुद्दे का समाधान खोजने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कहा कि उन्हें कोई कारण नहीं दिखता कि सरकार को राहत देने के लिए किसी भी तरह से बाध्य किया जाए।

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    कंपनी ने 30 मई को चौथी तिमाही नतीजे जारी करने के बाद कॉनकॉल में कहा कि भारत में प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू (ARPU) वैश्विक स्तर पर सबसे कम है और उद्योग का रिटर्न पूंजी की लागत से कम है। वीआईएल के शीर्ष अधिकारी ने जोर देकर कहा कि इंडस्ट्री को एक मूल्य निर्धारण मॉडल की ओर बढ़ने की जरूरत है।

    'सरकार क्या फैसला लेगी नहीं जानते'

    वहीं, एजीआर बकाया मुद्दे पर सीईओ मूंदड़ा ने कहा कि दूरसंचार कंपनी इस संबंध में समाधान के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, "जहां तक ​​सरकारी राहत का सवाल है, मुझे लगता है कि हम सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं... सरकार क्या करेगी, मैं उनकी ओर से टिप्पणी नहीं कर सकता।

    यह पूछे जाने पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट के इस कदम के बाद सरकार को कंपनी को सहायता देने की अनुमति मिल जाएगी या केंद्र को आगे बढ़ने के लिए विशिष्ट स्पष्टता की आवश्यकता होगी, इस पर सीईओ मूंदड़ा ने कहा, "हमारा विचार है कि सरकार ऐसा कर सकती है।"

    Q4 में कम हुआ कंपनी का लॉस

    बता दें कि कर्ज़ के बोझ से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए थे। इसमें कंपनी ने बताया कि उसका लॉस घटकर ₹7,166.1 करोड़ रह गया है। पिछले साल की इसी तिमाही में यह घाटा ₹7,674.6 करोड़ था. हालांकि, दिसंबर तिमाही (Q3FY25) के मुकाबले घाटा थोड़ा बढ़ा है, जब यह ₹6,609.3 करोड़ था।

    इसके साथ ही कंपनी के बोर्ड ने ₹20,000 करोड़ का फंड जुटाने पर मंजूरी दे दी है। यह फंड इक्विटी शेयर, डिबेंचर, विदेशी बॉन्ड, GDR, ADR, वारंट या इनके कॉम्बिनेशन के ज़रिए जुटाया जाएगा।