ट्रंप ने टैरिफ को कर दिया पॉपुलर, जानें ये ड्यूटी और टैक्स से कितना अलग; भारत में क्या चलता है
Trump Tariffs Explained ट्रंप का टैरिफ एक तरह से टैक्स ही है। भारत में जिस तरह से कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) या इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) लगाई जाती है ठीक उसी प्रकार अमेरिका टैरिफ लगाकर विदेश से आयातित वस्तुओं पर टैक्स लगाता है। टैरिफ और ड्यूटी टैक्स का ही एक प्रकार का रूप हैं जो सरकार अप्रत्यक्ष रूप से वसूलती है।

नई दिल्ली। Trump Tariffs Explained: टैरिफ। इस शब्द को पिछले 6 महीनों में आपने एक नहीं हजारों बार सुना होगा। इसके पीछे का कारण हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। इसी शब्द के दम पर उन्होंने अमेरिका की सत्ता हासिल की। जनवरी में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने टैरिफ (Trump Tariffs) का गेम शुरू किया और यह अब तक चल रहा है।
भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है। टैरिफ के हो हल्ला के बीच ड्यूटी, टैक्स और लैवी जैसे शब्दों की भी चर्चा हो रही है। अब सवाल यह है कि आखिर ट्रंप की वजह से पॉपुलर हुआ टैरिफ, ड्यूटी और टैक्स से कितना अलग (Difference Between Tax, Tariff and Duty) है। इसी सवाल का जवाब हम लेकर हाजिर हैं।
क्या होता है टैक्स? What is Tax
टैक्स लगभग सभी खरीदों पर लगाया जाने वाला सरकारी राजस्व का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष स्रोत (source of government revenue) है।Tax मुख्यतः वस्तुओं और व्यक्तियों पर लगाए जाते हैं। टैक्स बाध्यकारी होते हैं। स्वैच्छिक नहीं। इसलिए व्यक्ति टैक्स देने के लिए बाध्य होता है, और ऐसा न करने पर दंडनीय होता है। टैक्स, सरकार द्वारा कर दाता (Taxpayers) पर लगाया गया एक शुल्क है।
क्या होती है ड्यूटी? । What is Duty
शुल्क यानी Duty सरकार द्वारा उपभोक्ताओं पर लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है। ये शुल्क वित्तीय लेन-देन और वस्तुओं पर लागू होते हैं। Duties को अप्रत्यक्ष टैक्स माना जाता है। क्योंकि ये उपभोक्ता टैक्स के समान होते हैं। ये शुल्क आयातित वस्तुओं और स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं, दोनों पर लगाए जाते हैं। इनमें उत्पाद शुल्क (Excise Duty) और सीमा शुल्क (Customs duties) शामिल हैं। आइए जानते हैं कि एक्साइज ड्यूटी क्या होती है और कस्टम ड्यूटी क्या होती है।
क्या होती है एक्साइज ड्यूटी: घरेलू स्तर पर निर्मित वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टैक्स को उत्पाद शुल्क (excise duties) कहते हैं। एक्साइज ड्यूटी एक प्रकार का अप्रत्यक्ष टैक्स है, इसलिए उत्पाद शुल्क का भुगतान करने वाले उत्पादक या विक्रेता से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अंतिम उपभोक्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत बढ़ाकर अपने नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करेगा। उत्पाद शुल्क अन्य अप्रत्यक्ष करों के अतिरिक्त लगाया जाता है।
क्या होती है कस्टम ड्यूटी: कस्टम ड्यूटी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार माल की आवाजाही पर लगाया जाने वाला Tax है। सरल शब्दों में, यह उत्पादों के आयात और निर्यात पर लगाया जाने वाला शुल्क है। सरकार राजस्व उत्पन्न (Government Revenue) करने, स्थानीय उद्योगों की रक्षा करने और देश के भीतर और बाहर माल के प्रवाह का प्रबंधन करने के लिए सीमा शुल्क (Custom Duty) लगाती हैं। इसी को हम इंपोर्ट ड्यूटी भी कहते हैं।
क्या होता है टैरिफ? What is Tariff
टैरिफ एक ऐसा टैक्स है जो एक सरकार दूसरे देशों से आने वाले प्रोडक्ट्स पर लगाती है। यह भी एक तरह से ड्यूटी टैक्स (Tax Duty) ही है। इस टैक्स का उद्देश्य आयातित उत्पादों को महंगा बनाना है। ऐसा करके, सरकार उम्मीद करती है कि लोग अपने देश में बने उत्पादों को अधिक खरीदेंगे।
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सरकारें कई कारणों से टैरिफ (Tariff) लगाती हैं, लेकिन एक बड़ा कारण लोगों को स्थानीय स्तर पर बने उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना होता है। यानी कोई भी देश एक्सपोर्ट ज्यादा करना चाहता है और इंपोर्ट कम (Import) करना चाहता है।
क्या होता है टैरिफ, टैक्स और ड्यूटी में अंतर?
आयातित वस्तुओं Imported Goods) पर Tax के लिए ड्यूटी एक व्यापक शब्द है। वहीं, टैरिफ एक विशिष्ट प्रकार का शुल्क है जो व्यापार को नियंत्रित करने और कुछ आयातों को महंगा बनाकर घरेलू उद्योगों की रक्षा करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक नीतिगत उपकरण है। इसलिए, सभी टैरिफ शुल्क (Duties) हैं, लेकिन सभी शुल्क टैरिफ (All Duties are not Tariff) नहीं हैं। एक तीसरा संबंधित शब्द, Tax। इसमें शुल्क और टैरिफ (Duties and Tariff) शामिल हो सकते हैं। टैक्स देश के भीतर आय, बिक्री और अन्य लेनदेन पर भी लागू होता है।
भारत में क्या लगता है?
भारत से विदेश से जो भी सामान आता है उस पर इंपोर्ट ड्यूटी या फिर कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है। जैसे उदाहरण के लिए मान लीजिए अमेरिका भारत से जाने वाली वस्तुओं पर 50 फीसदी का टैरिफ लगा रहा है तो भारत अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर जो टैक्स लगाता है उसे हम इंपोर्ट ड्यूटी या फिर कस्टम ड्यूटी कहते हैं।
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