Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किस कंपनी ने बनाई Coldrif कफ सिरप, कौन है इसका मालिक, कागजों पर बंद हो चुकी थी फिर कैसे चल रहा था काम

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 12:44 PM (IST)

    मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया गया है। इस कंपनी की शुरुआत 1990 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी। श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के निदेशक रंगनाथन गोविंदन रंगनाथन गोविंदराजन रंगनाथन रानी और गोविंदन बाला सुब्रमण्यम बताए गए हैं।

    Hero Image
    एमपी में हुई दुखद घटना के बाद कई राज्यों में इस कफ सिरप को बैन कर दिया गया है।

    नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सर्दी-जुकाम दूर करने वाली 'कोल्ड्रिफ कफ सिरप' (Coldrif Cough Syrup) ने 11 मासूम बच्चों की जान ले ली। इस खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस घटना के बाद कई राज्यों में इस कफ सिरप को बैन कर दिया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी 'श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स' (Sresan Pharmaceutical Maker) के सभी प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है। क्या आप जानते हैं यह कंपनी कहां की है और इसका मालिक कौन है?

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एमपी के अलावा उत्तर प्रदेश में भी ड्रग्स डिपार्टमेंट ने सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि वे राज्य के सरकारी और निजी संस्थानों से श्रीसन फार्मास्युटिकल, द्वारा निर्मित कफ सिरप के नमूने एकत्र करें।

    किस कंपनी ने बनाई ये कफ सीरप?

    एमपी में 11 बच्चों की मौत का कारण बनने वाली कोल्ड्रिफ कफ सिरप का निर्माण चेन्नई स्थित कंपनी Sresan फार्माक्यूटिकल्स ने किया है। यह 1990 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में शुरू हुई थी। zaubacorp.com पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के निदेशक रंगनाथन गोविंदन, रंगनाथन गोविंदराजन, रंगनाथन रानी और गोविंदन बाला सुब्रमण्यम बताए गए हैं।

    इंडियामार्ट पेज पर यह कंपनी कफ सिरप, प्रोटीन पाउडर, फार्मास्युटिकल सिरप और हर्बल चाइल्ड ग्रोथ सिरप का ट्रेडर होने का दावा करती है। मध्य प्रदेश पुलिस ने चेन्नई स्थित 'श्रीसन फार्मास्युटिकल मेकर' के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

    कौन है कंपनी का मालिक?

    दिलचस्प बात यह है कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दस्तावेज़ों के अनुसार, श्रीसन फार्मास्युटिकल्स नाम की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी थी। मंत्रालय के दस्तावेज़ों के अनुसार, इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना 1990 में हुई थी, लेकिन इसे रजिस्ट्रार से हटा दिया गया था। आमतौर पर, कंपनियों को नियमित रूप से अनुपालन दस्तावेज़ दाखिल न करने पर रजिस्ट्रार से हटा दिया जाता है।

    श्रीसन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की वार्षिक आम बैठक (AGM) अंतिम बार 29 दिसंबर 2009 को हुई थी और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) के रिकॉर्ड के अनुसार, इसकी बैलेंस शीट अंतिम बार 31 मार्च 2009 को दाखिल की गई थी। श्रीसन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड का एनआईसी कोड 2423 है (जो इसके सीआईएन का हिस्सा है)। एनआईसी कोड के अनुसार, यह फार्मास्यूटिकल्स, औषधीय रसायनों और वनस्पति उत्पादों के निर्माण में शामिल है। हालांकि, कागजों पर यह कंपनी बंद हो चुकी है।

    ये भी पढ़ें- मुश्किल में ट्रंप! भारत की इकोनॉमी को कहा था Dead, अब खुद के देश में 'महा-छंटनी' का खतरा; शटडाउन के नतीजे होंगे खतरनाक

    प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पते, साथ ही इंडियामार्ट और उत्पाद की पैकेजिंग पर सूचीबद्ध पते, अलग-अलग हैं, लेकिन चेन्नई के एक ही इलाके में हैं। उधर, सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर ऑर्गेनाइजेशन ने भी तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित इस कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का निरीक्षण शुरू कर दिया है।