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    भारत के तीसरे सबसे अमीर मुस्लिम उद्योगपति, क्या करते हैं यूसुफ हमीद, 90 साल से रोशन है इनका कारोबार

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 09:11 PM (IST)

    देश की दिग्गज फार्मा कंपनी सिप्ला का मालिकाना हक, यूसुफ हमीद एंड फैमिली के पास है। इस बिजनेस घराने का नेतृत्व यूसुफ हमीद कर रहे हैं और 90 साल पुराने अपने पुश्तैनी कारोबार को संभाल रहे हैं। यूसुफ हमीद की लीडरशिप में सिप्ला का बिजनेस 80 देशों में फैल चुका है। यूसुफ हमीद की नेटवर्थ 46000 करोड़ से ज्यादा है।

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    सिप्ला के नॉन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन यूसुफ हमीद

    नई दिल्ली। भारत के 100 अरबपति उद्योगपतियों की लिस्ट में अंबानी, अदाणी, बिरला, जिंदल और मित्तल परिवार समेत कई नाम हैं। लेकिन, क्या आप भारत के बड़े मुस्लिम कारोबारियों के बारे में जानते हैं। फोर्ब्स की India’s 100 Richest लिस्ट में अजीम प्रेमजी 22वें नंबर के अमीर बिजनेसमैन हैं और भारत के सबसे अमीर मुस्लिम उद्योगपति हैं। इसके अलावा, इस सूची में एम ए युसुफ अली और युसुफ हमीद के नाम भी शामिल हैं। हम आपको भारत के तीसरे सबसे अमीर मुस्लिम उद्योगपति यूसुफ हमीद एंड फैमिली के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका देश के अरबपतियों की लिस्ट में 55वां नंबर है।

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    यूसुफ हमीद एंड फैमिली, देश की दिग्गज फार्मा कंपनी सिप्ला की मालिक है। हालांकि, इस कंपनी की नींव 1935 में ख्वाजा अब्दुल हमीद ने रखी थी और परिवार की इस बिजनेस विरासत को बुलंदियों तक यूसुफ हमीद ने पहुंचाया, जो कंपनी के फाउंडर अब्दुल हमीद के बेटे हैं।

    यूसुफ हमीद- ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्री में बड़ा नाम

    यूसुफ हमीद उस शख्स का नाम है, जिसने ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्रीज में बड़े बदलाव का नेतृत्व किया। यूसुफ हमीद के कार्यभार संभालने से पहले, सिप्ला 1935 में स्थापित एक प्रतिष्ठित भारतीय कंपनी थी। हालांकि, उस समय कंपनी का बिजनेस मुख्यत भारत में ही केंद्रित था और इसका अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव सीमित था। लेकिन, यूसुफ हमीद ने अपने पुश्तैनी दवा कारोबार को ना सिर्फ तेजी से बढ़ाया बल्कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास पहचान भी दिलाई।

    ठुकरा दिया था जिन्ना का प्रस्ताव

    यूसुफ हमीद के पिता अब्दुल हमीद ने 1935 में CIPLA (Chemical, Industrial & Pharmaceutical Laboratories Ltd) की नींव रखी थी। हालांकि, कंपनी को बड़ी कामयाबी 1944 में मिली, जब उसने मलेरिया, टीबी और शुगर की जेनेरिक दवाओं को निर्माण शुरू किया। भारत के बंटवारे के समय मोहम्मद अली जिन्ना ने अब्दुल हमीद को पाकिस्तान चलने का ऑफर दिया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। उस जमाने में सिप्ला का कारोबार सिर्फ भारत में था, लेकिन आज 80 से ज्यादा देशों में बिजनेस है। कंपनी का फोकस भारत में जेनेरिक मेडिसीन पर है जबकि ग्लोबल मार्केट में किफायती हेल्थकेयर पर है।

    HIV की दवा ने दिलाई दुनिया में पहचान

    साल 2000 में यूसुफ हमीद ने ऐलान किया कि वे एड्स की सस्ती दवा बनाएंगे। साल 2001 में इस मेडिसिन की एक साल की खुराक की कीमत 17000 रुपये थी, जबकि दूसरी कंपनियां इसी दवा के लिए साढ़े 5 लाख रुपये तक वसूल रही थीं।

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    उस दौरान सिप्ला ने एड्स की यह दवा अफ्रीकी देशों में भेजी जहां काफी संख्या में लोग एचआईवी से मर गए थे। ऐसे में सिप्ला की सस्ती दवाओं के कारण अफ्रीका समेत अन्य देशों में लाखों लोगों की जान बची। तब युसूफ हमीद ने कहा था कि सिप्ला HIV की दवाओं से मुनाफा नहीं कमाएगी।

    यूसुफ हमीद की नेटवर्थ और कारोबार

    फार्मा कंपनी सिप्ला के नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन यूसुफ हमीद की नेटवर्थ 46000 करोड़ से ज्यादा है, जबकि उनकी फार्मा कंपनी का मार्केट कैप 1,22,336 करोड़ रुपये है।

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