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    Gold Investment : ज्वैलरी खरीदकर बेचना कितना सही, इसमें फायदा या फिर नुकसान? समझें पूरा कैलकुलेशन

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 06:59 PM (IST)

    Gold buy and sell benefits अगर आप सोने के गहने बार-बार खरीदकर बेच देते हैं तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि गहने बार-बार खरीदकर बेचने से आपको तगड़ा नुकसान हो सकता है। खासकर तब जब आप सोने में जरा सा उछाल आने पर बेच देते हैं। लेकिन कैसे तो चलिए यहां समझते हैं पूरा कैलकुलेशन।

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    सोने की ज्वैलरी बार-बार खरीदकर बेचना कितना सही होता है?

    नई दिल्ली| Gold Investment : सोना भारतीयों के लिए सिर्फ एक धातु नहीं, बल्कि सुरक्षित निवेश का बेहतरीन विकल्प भी है। चाहे शादी-ब्याह हो या फिर त्योहार, सोना हमेशा से भरोसेमंद निवेश माना जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या बार-बार सोने के गहने खरीदकर बेचना फायदेमंद (gold buy and sell benefits) है या नुकसान का सौदा? चलिए समझते हैं पूरा कैलकुलेशन।

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    फायदे क्या हो सकते हैं?

    • तेजी में मुनाफा- अगर आपने कम दाम पर सोना खरीदा और कुछ ही महीनों में कीमत बढ़ गई तो बेचकर अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।
    • लिक्विड एसेट- जरूरत पड़ने पर सोना तुरंत कैश में बदल सकता है। इसे शेयर या प्रॉपर्टी की तरह बेचने में लंबा प्रोसेस नहीं होता।
    • मार्केट का लचीलापन- गोल्ड की कीमतें हर दिन बदलती हैं। इस उतार-चढ़ाव का फायदा ट्रेडिंग करने वाले लोग उठा सकते हैं।

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    नुकसान क्या हो सकते हैं?

    • मेकिंग चार्ज और टैक्स- ज्वेलरी में मेकिंग चार्ज और जीएसटी लगता है। बार-बार खरीदने-बेचने पर ये खर्च आपके मुनाफे को खा जाते हैं।
    • प्राइस रिस्क- सोना हमेशा बढ़ेगा यह जरूरी नहीं। कभी-कभी ग्लोबल मार्केट या डॉलर की मजबूती की वजह से सोने की कीमत गिर भी जाती है।
    • लॉन्ग-टर्म गेन मिस करना- अगर आप शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट के चक्कर में बार-बार बेचते रहेंगे तो सोने के लंबे समय के कंपाउंड गेन का फायदा नहीं उठा पाएंगे।

    ऐसे समझिए पूरा कैलकुलेशन

    अगर आप 10 ग्राम सोना 1 लाख रुपए में खरीदते हैं और 10% वार्षिक रिटर्न के साथ 6 महीने बाद बेचते हैं, तो आपको 5,000 रुपए का मुनाफा होगा। वहीं, 5 साल बाद मुनाफा 61,051 रुपए तक हो सकता है।

    यह भी पढ़ें- Gold Quality: येलो, पिंक, व्हाइट गोल्ड में क्या फर्क; कीमत, क्वालिटी, निवेश और ज्वैलरी के लिए कौन है बेस्ट?

    लेकिन अगर आप सोने की ज्वैलरी खरीदते हैं, तो मेकिंग चार्ज (15%) और जीएसटी (3%) को जोड़कर कुल लागत 1,18,450 रुपए हो सकती है। ज्वैलरी को 6 महीने बाद बेचने पर, मेकिंग चार्ज और जीएसटी की लागत वापस नहीं मिलती, जिससे 99,750 रुपए मिल सकते हैं, यानी 19,700 रुपए का घाटा। 

    • कुल सोना- 10 ग्राम
    • मेकिंग चार्ज- 15,000 रुपए (औसत 15 प्रतिशत)
    • जीएसटी- 3,450 रुपए (औसत 3 प्रतिशत)
    • टोटल अमाउंट- 1,00,000 + 15,000 + 3,450 + 1,000 = 1,18,450 रुपए
    • 6 महीने में बेचने पर फायदा या नुकसान- 13,450 रुपए का घाटा
    • 5 साल बाद बेचने पर फायदा या नुकसान- 42,601 रुपए का फायदा

    इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि निवेश के लिए सोने के सिक्के या बार बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि इनमें मेकिंग चार्ज नहीं लगते। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स गोल्ड में डिजिटल निवेश ज्यादा भरोसा करते हैं, क्योंकि वह ज्यादा सिक्योर होता है।

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