सोना इतिहास रचने में सिर्फ 149 रुपए दूर, चांदी ₹2.35 लाख पार; तूफानी तेजी की वजह क्या? दो पॉइंट में समझें
Gold Silver Price: सोना और चांदी ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं, 24 कैरेट सोना ₹1,39,851 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹2,35,247 प्रति किलो पर पहुंच गई है। इस तूफान ...और पढ़ें

सोना इतिहास रचने में सिर्फ 149 रुपए दूर, चांदी ₹2.35 लाख पार; तूफानी तेजी की वजह क्या? दो पॉइंट में समझें
Gold Silver Price: नए साल से ठीक पहले सोना और चांदी ने कीमतों के सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे निवेशक ही नहीं, आम खरीदार भी हैरान हैं। वायदा बाजार में 24 कैरेट सोना 1754 रुपए उछलकर 1,39,851 रुपए (gold rate today) प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। यानी गोल्ड 1.40 रुपए का आंकड़ा छूने से सिर्फ 14 रुपए दूर है। वहीं चांदी 11,457 रुपए की जोरदार तेजी के साथ 2,35,247 रुपए (silver rate today) प्रति किलो के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र है, जब चांदी में मजबूती दिखी है।
चांदी की यह तेजी सिर्फ घरेलू वजहों से नहीं आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 75 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई है, जिसका सीधा असर भारतीय कीमतों पर पड़ा। सवाल यह है कि आखिर ऐसी कौन-सी दो वजहें हैं, जिनके चलते सोना-चांदी में अचानक तूफानी तेजी देखने को मिल रही है?
वजह नंबर 1: दुनिया में डर और जंग का माहौल (gold price hike reason)
सोने की कीमतों में उछाल की सबसे बड़ी वजह है- ग्लोबल जियोपॉलिटिकल टेंशन। रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वेनेजुएला से कच्चे तेल की सप्लाई में रुकावट की खबरों ने एनर्जी सप्लाई पर खतरे की आशंका बढ़ा दी है। अफ्रीका में ISIS के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की खबरों से भी बाजार में डर का माहौल है।
ऐसे हालात में निवेशक शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे निवेश से पैसा निकालकर सोने और चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर जाते हैं। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना करीब 4,500 डॉलर प्रति औंस के आसपास पहुंच गया। यानी साफ है कि जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, तो सोना सबसे भरोसेमंद सहारा बन जाता है और मांग बढ़ते ही कीमतें रिकॉर्ड बनाने लगती हैं।
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वजह नंबर 2: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
दूसरी बड़ी वजह है- ब्याज दरों को लेकर बदलता माहौल। बाजार को उम्मीद है कि अगले साल अमेरिकी सेंट्रल बैंक दो बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जैसे ही दरें घटती हैं, बैंक एफडी, बॉन्ड और सेविंग स्कीम्स का रिटर्न कम आकर्षक हो जाता है। ऐसे में निवेशक सोचते हैं कि पैसा कहां लगाया जाए, जहां उसकी वैल्यू सुरक्षित रहे। और जवाब होता है- गोल्ड। इसी उम्मीद के चलते गोल्ड ETF में लगातार पैसा आ रहा है और दुनिया के कई सेंट्रल बैंक भी बड़े पैमाने पर सोना खरीद रहे हैं। यही कारण है कि कीमतें नीचे आने का नाम नहीं ले रहीं।
अगर आपको शादी या किसी जरूरी जरूरत के लिए सोना खरीदना है, तो फिलहाल दाम ऊंचे हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर जियोपॉलिटिकल तनाव बना रहता है, तो सोना सस्ता होने की उम्मीद कम है। इस साल सोने ने 70% से ज्यादा की तेजी दिखाई है, जो साफ संकेत है कि अब सोना सिर्फ शौक नहीं, बल्कि पोर्टफोलियो की जरूरत बन चुका है।

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