इथेनॉल के लिए 11 लाख टन कम चीनी का इस्तेमाल, इसके निर्यात की इजाजत दे सकती है सरकार
Sugar Exports India 2025: वर्ष 2024-25 के सीजन में सरकार ने 45 लाख टन चीनी से Ethanol बनाने की अनुमति दी थी, लेकिन इंडस्ट्री ने सिर्फ 34 लाख टन का इस्तेमाल किया। इंडस्ट्री की तरफ से इथेनॉल की कुल सप्लाई में से 45 प्रतिशत हिस्सा मक्के का, 28 प्रतिशत शीरे का और 22 प्रतिशत चावल से बने इथेनॉल का था।

चीनी सरप्लस, निर्यात की अनुमति संभव
Sugar Exports India 2025: सरकार 2025-26 मार्केटिंग वर्ष में चीनी निर्यात की इजाजत देने पर विचार कर रही है। दरअसल, इथेनॉल (Ethanol) उत्पादन के लिए चीनी का इस्तेमाल उम्मीद से कम होने की वजह से सरप्लस स्टॉक जमा हो गया है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने न्यूज एजेंसी PTI को एक इंटरव्यू में बताया कि देश की चीनी मिलों ने 2024-25 में इथेनॉल बनाने के लिए सिर्फ 34 लाख टन चीनी का इस्तेमाल किया, जबकि अनुमति 45 लाख टन की थी।
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से अक्टूबर से सितंबर तक चलने नए (2025-26) मार्केटिंग वर्ष के लिए शुरुआती स्टॉक (Sugar Stock) ज्यादा हो गया है। चोपड़ा ने बताया कि 2025-26 में चीनी का प्रोडक्शन 340 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि सालाना घरेलू मांग 285 लाख टन है।
चोपड़ा ने बताया कि चीनी निर्यात पर जल्द ही कोई फैसला लिया जा सकता है, क्योंकि सरकार इंडस्ट्री को निर्यात की प्लानिंग के लिए ज्यादा समय देना चाहती है। इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए मंत्रियों की समिति अगले हफ्ते बैठक कर सकती है।
पिछले वर्ष 8 लाख टन चीनी का निर्यात
भारत ने 2024-25 मार्केटिंग साल के दौरान 10 लाख टन के आवंटन के मुकाबले लगभग 8 लाख टन चीनी निर्यात किया। चीनी निर्यात की संभावना पर सचिव ने कहा, "अभी अंतरराष्ट्रीज बाजार में रिफाइंड चीनी की कीमतें बहुत अच्छी नहीं हैं। रॉ शुगर के लिए कुछ एक्सपोर्ट पैरिटी हो सकती है।" रिफाइंड चीनी के लिए ग्लोबल कीमत 3,829 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि औसत एक्स-मिल कीमत 3,885 रुपये प्रति क्विंटल है।
इथेनॉल के लिए चीनी के डायवर्जन के बारे में चोपड़ा ने इंडस्ट्री की ज्यादा मात्रा की मांग पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मिलें पिछले सीजन में सभी पाबंदियां हटाने के बावजूद आवंटित 45 लाख टन का इस्तेमाल नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा कि यह मामला पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ा है, जो उनकी डिमांड पर विचार कर सकता है।
इंडस्ट्री ने कम की शीरे से बने इथेनॉल की सप्लाई
उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग ने अक्टूबर में खत्म होने वाले 2024-25 इथेनॉल सप्लाई वर्ष में शीरे से 471 करोड़ लीटर इथेनॉल सप्लाई करने का ऑफर दिया था, लेकिन सिर्फ 289 करोड़ लीटर दिया। चोपड़ा ने कहा, हमने शीरे से इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए सभी रोक हटा दी हैं। फिर मक्के को सबसे ज्यादा हिस्सा मिला है।"
उन्होंने कहा कि सीजन के लिए कुल 1,048 करोड़ लीटर सप्लाई में से 289 करोड़ लीटर शीरे (28 प्रतिशत), 478 करोड़ लीटर मक्के (45 प्रतिशत) और 235 करोड़ लीटर चावल (22 प्रतिशत) से आया। चोपड़ा ने कहा, इस्तेमाल की हमारी प्राथमिकता पहले घरेलू खपत, फिर इथेनॉल के लिए इस्तेमाल और उसके बाद निर्यात की रही है।

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