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    KGF से अब तक निकला कितना सोना? चौंका देगा आंकड़ा, जानिए भारत की सबसे गहरी और मशहूर खदान की पूरी कहानी

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 06:33 PM (IST)

    कोलार गोल्ड फील्ड (KGF) से 120 सालों तक लगातार खनन हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां से 800 से 900 टन तक सोना निकाला गया। यह आंकड़ा भारत की सोने की खपत के हिसाब से बेहद बड़ा है। दिलचस्प बात यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सोने का भंडार अमेरिका के पास है। उनके पास 8133 टन सोना है। इससे भी ज्यादा सोना सिर्फ केजीएफ से निकाला जा चुका है।

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    केजीएफ से करीब 120 साल सोना निकाला गया।

    नई दिल्ली| अगर आपने फिल्म KGF देखी है तो खदानों से निकलते सोने का वो नज़ारा ज़रूर याद होगा। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि असली KGF यानी कोलार गोल्ड फील्ड (Kolar Gold Fields) की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प और उतार-चढ़ाव से भरी रही है। सवाल यह है कि यहां से अब तक कितना सोना निकाला गया, कब तक खनन चला और अब इस खदान की हालत क्या है? तो चलिए समझते हैं पूरी कहानी।

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    अब तक निकला कितना सोना?

    कोलार गोल्ड फील्ड (KGF) से 120 सालों तक लगातार खनन हुआ। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां से 800 से 900 टन तक सोना निकाला गया। यह आंकड़ा भारत की सोने की खपत के हिसाब से बेहद बड़ा है।

    दिलचस्प बात यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा सोने का भंडार अमेरिका (United States) के पास है। उनके पास लगभग 8,133 टन सोना है। जबकि इससे भी ज्यादा सोना सिर्फ केजीएफ से निकाला जा चुका है।

    खनन कब शुरू और कब हुआ बंद ?

    ब्रिटिश काल में 1880 के दशक से यहां सोना निकालने का काम शुरू हुआ था। लंबे समय तक खदानें चलती रहीं, लेकिन धीरे-धीरे उत्पादन कम होने लगा। खनन की लागत बढ़ती चली गई और सोने की मात्रा कम होती गई। आखिरकार, सरकार ने साल 2001 में KGF को पूरी तरह बंद कर दिया।

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    क्या अब भी सोना निकलता है?

    2001 के बाद से यहां से सोना निकालना बंद है। हालांकि, समय-समय पर खदान को फिर से शुरू करने की चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

    भारत और दुनिया में कितनी बड़ी खदान?

    KGF कभी एशिया की सबसे बड़ी सोने की खदान कही जाती थी। इसे 'लिटिल इंग्लैंड' भी कहा जाता था, क्योंकि यहां ब्रिटिश अफसर रहते थे और अंग्रेज़ी तर्ज पर कॉलोनी बनाई गई थी।

    एक समय पर KGF भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की मशहूर गोल्ड माइंस में गिनी जाती थी। हालांकि, केजीएफ भारत की सबसे गहरी सोने है, जो कर्नाटक में स्थित है। दावा है कि यह 3 किलोमीटर से भी गहरी थी। 

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    कंट्रोवर्सी क्या-क्या रहीं?

    KGF को लेकर कई विवाद भी रहे।

    • मजदूरों के शोषण और खराब कामकाजी हालात पर ब्रिटिश शासन की जमकर आलोचना हुई।
    • खदान बंद होने के बाद यहां के हजारों परिवार बेरोजगार हो गए, जिससे भारी विरोध हुआ।
    • पर्यावरण को हुए नुकसान और ज़मीन धंसने की घटनाओं ने भी KGF को सुर्खियों में रखा।
    • हाल के सालों में खदान को फिर से खोलने की मांग उठी, लेकिन सरकार का कहना है कि लागत और तकनीकी वजहों से यह मुमकिन नहीं है।

    हालांकि, आज KGF एक ऐतिहासिक जगह बन चुकी है। यहां की पुरानी कॉलोनियां और खदानों के अवशेष उस दौर की गवाही देते हैं जब भारत से दुनिया तक सोना पहुंचता था।