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    चांदी ने फिर तोड़े सभी रिकॉर्ड, कुछ ही घंटों में ₹14500 महंगी; ₹2.40 लाख के करीब, 11 वजहों से आई तेजी!

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 10:27 PM (IST)

    Silver Price Hike: चांदी ने MCX पर सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, कुछ ही घंटों में ₹14,491 बढ़कर ₹2,38,281 प्रति किलोग्राम के करीब पहुंच गई। विशेषज्ञों ने इस त ...और पढ़ें

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    चांदी ने फिर तोड़े सभी रिकॉर्ड, कुछ ही घंटों में ₹14500 महंगी; ₹2.40 लाख के करीब, 11 वजहों से आई तेजी!

    Silver Price Hike Today: गोल्ड के बाद चांदी ने एक बार फिर सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। MCX पर चांदी की कीमतों में कुछ ही घंटों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला और यह ऑल-टाइम हाई (silver price all time high) पर पहुंच गई। शुक्रवार, रात करीब 9:30 बजे के आसपास चांदी में अचानक 6.48 फीसदी की तेजी आई, जिससे इसकी कीमत एक झटके में 14,491 रुपए बढ़ गई।

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    खबर लिखे जाने तक 5 मार्च 2026 एक्सपायरी वाली चांदी MCX पर 2,38,281 रुपए प्रति किलोग्राम (silver price today) पर ट्रेड कर रही थी। कारोबार के दौरान चांदी का हाई लेवल 2,39,350 रुपए और लो लेवल 2,24,374 रुपए दर्ज किया गया। यानी चांदी 2.40 लाख रुपए को छूने में सिर्फ 650 रुपए दूर है। बता दें कि पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 2,23,790 रुपए प्रति किलोग्राम (silver rate today) पर बंद हुई थी।

    अब सवाल यह है कि आखिर चांदी में अचानक तेजी क्यों आई? एक्सपर्ट इसके पीछे एक-दो नहीं बल्कि 11 वजह बता रहे हैं। एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि 2026 में चांदी की कीमत कहां तक जा सकती हैं?

    यह भी पढ़ें- इतिहास में पहली बार ₹1.40 लाख के पार पहुंचा सोना, तोड़े सभी रिकॉर्ड; नए साल से पहले कितनी बढ़ेगी कीमत?

    20 साल में 10 हजार रुपए बढ़ने में कब-कब लगे कितने दिन?

    रुपए प्रति किलोग्राम तारीख कितने दिन लगे
    12,000 17 नवंबर 2005 ----
    20,000 18 अप्रैल 2006 152 दिन
    30,000 26 अगस्त 2010 1591 दिन
    40,000 10 नवंबर 2010 76 दिन
    50,000 24 फरवरी 2011 106 दिन
    60,000 9 अप्रैल 2011 44 दिन
    70,000 23 अप्रैल 2011 14 दिन
    80,000 4 अप्रैल 2024 4730
    90,000 17 मई 2024 43 दिन
    1,00,000 22 अक्टूबर 2024 158 दिन
    1,10,000 11 जुलाई 2025 262 दिन
    1,20,000 29 अगस्त 2025 49 दिन
    1,30,000 16 सितंबर 2025 18 दिन
    1,40,000 26 सितंबर 2025 10 दिन
    1,50,000 8 अक्टूबर 2025 12 दिन
    1,60,000 14 अक्टूबर 2025 6 दिन
    1,70,000 17 अक्टूबर 2025 6 दिन
    1,80,000 1 दिसंबर 2025 45 दिन
    1,90,000 11 दिसंबर 2025 10 दिन
    2,00,000 12 दिसंबर 2025 1 दिन
    2,10,000 22 दिसंबर 2025 10 दिन
    2,20,000 24 दिसंबर 2025 2 दिन
    2,30,000 26 दिसंबर 2025 2 दिन

    SOURCE- MCX

    एक-दो नहीं बल्कि 11 वजहों से भाग रहे चांदी के दाम (Why are silver prices rising rapidly?)

    केडिया एडवाइजरी के फाउंडर-डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि चांदी में रिकॉर्ड तेजी के पीछे एक-दो नहीं बल्कि 11 वजह शामिल हैं।

    1. चांदी की सप्लाई में कमी (Shortage in silver supply)

    MCX पर चांदी 2,01,388 रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसकी मुख्य वजह है- सिल्वर मार्केट में लगातार बढ़ता स्ट्रक्चरल डेफिसिट, यानी सप्लाई की कमी का वर्षों से बनता दबाव, जो चांदी की कीमतों को लगातार बढ़ा रहा है।

    यह भी पढ़ें- Silver Price Hike: चांदी के दाम बढ़ते ही किसने बेची 100 टन चांदी? एक्सपर्ट बोले- 2026 में ₹2.40 लाख के पार होगी कीमत

    2. ग्लोबल इन्वेंट्री ऐतिहासिक लो पर (Global inventories at historic lows)

    लंदन की सिल्वर इन्वेंट्री 2021 के पीक से लगातार गिरती गई और 2025 में कई सालों के नए लो पर पहुंच चुकी है। यह बताता है कि फिजिकल सिल्वर की उपलब्धता बहुत कम हो गई है।

    3. चीन के 2026 एक्सपोर्ट कंट्रोल से बढ़ी प्री-बाइंग (China's 2026 export controls boost pre-buying)

    चीन ने 2026 से सिल्वर निर्यात पर नियंत्रण लगाने का ऐलान किया है। इसके बाद दुनियाभर की इंडस्ट्रीज और ट्रेडर्स ने सप्लाई कम होने से पहले स्टॉक बढ़ाना शुरू कर दिया, जिससे कीमतों में और उछाल आ गया।

    4. सप्लाई ठहरी, इंडस्ट्रियल डिमांड लगातार बढ़ी (Silver Supply stagnated, industrial demand continued to rise)

    चांदी की माइनिंग और रीसाइक्लिंग पिछले 10 साल से लगभग स्थिर है। लेकिन डिमांड लगातार बढ़ रही है। क्योंकि चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल (PV), इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) और सेमीकंडक्टर्स समेत कई सेक्टर्स में तेजी से बढ़ी है। यानी मांग तो बढ़ी, लेकिन सप्लाई नहीं। लिहाजा कीमतें ऊपर चली गईं।

    5. बाजार लगातार पांचवें साल डेफिसिट में (The market is in deficit for the fifth consecutive year)

    साल 2025 में सिल्वर मार्केट लगातार पांचवे साल भी डेफिसिट में रहेगा। इस बार कमी 125 मिलियन औंस (35,43,690 किलोग्राम) रहने का अनुमान है। 2021 से अब तक कुल कमी 800 मिलियन औंस (2,26,79,618.5) के करीब पहुंच चुकी है। यह बेहद बड़ी संख्या है।

    6. फेड के रेट कट से मिला सपोर्ट (Silver gets support from Fed rate cut)

    अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर रेंज 3.50%-3.75% कर दी। रेट कट का सीधा असर यह हुआ कि सोना-चांदी जैसे सेफ-हेवन एसेट्स की मांग बढ़ गई। हालांकि चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि आगे कटौती के लिए "हाई थ्रेशहोल्ड" रहेगा।

    7. चीन में स्टॉकपाइल 10 साल के लो पर (Stockpiles in China are at a 10-year low)

    शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में सिल्वर स्टॉक 2015 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। शंघाई गोल्ड एक्सचेंज पर ट्रेडिंग वॉल्यूम भी 9 साल के लो पर है। यह बताता है कि चीन में भी सप्लाई काफी टाइट है।

    8. चीन के रिकॉर्ड सिल्वर एक्सपोर्ट (China records silver exports)

    अक्टूबर 2024 में चीन ने 660 टन से अधिक सिल्वर निर्यात किया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसका बड़ा हिस्सा लंदन भेजा गया ताकि वहां की भारी सप्लाई कमी को कुछ राहत मिल सके।

    9. लंदन में ऑक्शन और इनफ्लो के बाद भी लिक्विडिटी टाइट (Liquidity tight despite London auctions and inflows)

    चीन से भारी मात्रा में सिल्वर आने के बाद भी लंदन में बॉरोइंग कॉस्ट (Borrowing Cost) ऊंची बनी हुई है, यानी बाजार में लिक्विडिटी तनाव अभी भी खत्म नहीं हुआ है।

    10. अमेरिका की नई नीति का खतरा (The danger of America's new policy)

    यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने हाल ही में सिल्वर को क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में शामिल किया है। इससे बाजार में यह आशंका बढ़ गई है कि अमेरिका सिल्वर पर नए टैरिफ या स्ट्रैटेजिक कंट्रोल लगा सकता है।

    11. LBMA वॉल्ट होल्डिंग में तेजी (LBMA vault holdings surge)

    नवंबर में लंदन वॉल्ट (London Bullion Market Association) की सिल्वर होल्डिंग बढ़कर 27,187 टन हो गई, जो पिछले महीने से 3.5% ज्यादा है। गोल्ड होल्डिंग भी बढ़कर 8,907 टन पहुंच गई। यह बताता है कि बड़े निवेशक अभी भी कीमती धातुओं में पैसा डाल रहे हैं।

    यानी यह साफ है कि चांदी के दामों में यह रैली किसी एक वजह से नहीं, बल्कि वैश्विक सप्लाई दबाव, इंडस्ट्रियल डिमांड, चीन की नीतियों, अमेरिकी रेट कट और डेफिसिट जैसी कुल 11 बड़ी वजहों का संयुक्त असर है। विशेषज्ञों की मानें तो जब तक सप्लाई की स्थिति नहीं सुधरती, चांदी में तेजी का रुझान जारी रह सकता है।

    Silver Price Target 2026: क्या है चांदी का टारगेट?

    केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) बताते हैं कि, "साल 2025 में चांदी ने जबरदस्त तेजी दिखाई और इसके दाम करीब 150% तक बढ़े, जिससे इसकी तेज और मोमेंटम-आधारित चाल एक बार फिर साबित हुई।

    2026 के लिए आउटलुक सकारात्मक (Silver Price Target) है, लेकिन सोने की तुलना में कहीं ज्यादा वोलैटाइल रहने वाला है। आगे चलकर चांदी में 20-25% तक की और तेजी की संभावना है। MCX पर कीमतें 2,45,000 से 2,50,000 रुपए (silver price mcx) के दायरे में जा सकती हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव 80 से 85 डॉलर के आसपास दिख रहे हैं।

    हालांकि, इतिहास बताता है कि तेज उछाल के बाद चांदी में अचानक बड़ी गिरावट भी आ सकती है, जैसा 1980 और 2011 में देखा गया था। ऐसे में 28-30% तक का करेक्शन भी नकारा नहीं जा सकता, खासकर अगर ETF के जरिए निवेश कम होता है या निवेशकों को कहीं और बेहतर मौके दिखते हैं।"

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