सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन तीन सरकारी बीमा कंपनियों का होगा विलय, सरकार लगा चुकी है 17450 करोड़ रुपये की पूंजी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 04:20 PM (IST)

    वित्तीय स्थिति सुधरने पर वित्त मंत्रालय तीन सरकारी बीमा कंपनियों (Insurance Companies Merger) ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को मिलाकर एक इकाई बनाने पर विचार कर रहा है। पहले सरकार ने इनमें 17,450 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी। अब विलय की शुरुआती समीक्षा हो रही है और निजीकरण के प्रस्ताव पर भी विचार चल रहा है।

    Hero Image

    वित्तीय स्थिति में सुधार के चलते वित्त मंत्रालय तीन सरकारी बीमा कंपनियों को एक ही इकाई में विलय करने के पुराने प्रस्ताव पर फिर से विचार कर रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 से 2021-22 के बीच सरकार ने तीन सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में कुल 17,450 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी ताकि इन्हें वित्तीय संकट से बाहर निकाला जा सके। इससे दक्षता और स्केल दोनों में लाभ होने की उम्मीद है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साल 2018-19 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस इन तीनों कंपनियों का एक ही बीमा इकाई में विलय कर दिया जाएगा। लेकिन जुलाई 2020 में सरकार ने यह विचार छोड़ दिया था और केंद्रीय कैबिनेट ने इसके बजाय तीनों सामान्य बीमा कंपनियों में 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को मंजूरी दी थी।

    ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक अब इनकी वित्तीय सेहत में सुधार के बाद वित्त मंत्रालय इनके विलय की प्रारंभिक समीक्षा कर रहा है ताकि दक्षता बढ़ाई जा सके।

    इसके अलावा सरकार ने जिस एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी, उस प्रस्ताव पर भी विचार चल रहा है। ईटी के सूत्रों के मुताबिक कई विकल्प खुले हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।

    गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में बड़े निजीकरण एजेंडे की घोषणा की थी, जिसमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण का ऐलान शामिल था। इसके बाद अगस्त 2021 में संसद ने जनरल इंश्योरेंस बिजनेस (नेशनलाइजेशन) संशोधन विधेयक 2021 पारित किया, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के निजीकरण का रास्ता खुल गया। संशोधित कानून में यह अनिवार्य प्रावधान हटा दिया गया कि केंद्र सरकार के पास किसी निर्धारित बीमाकर्ता में कम से कम 51 प्रतिशत इक्विटी होने चाहिए।

    इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में निजी भागीदारी बढ़ाने और बीमा पहुंच व सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने का प्रावधान किया गया। बीमा क्षेत्र में मांग को पूरा करने और पहुंच बढ़ाने के लिए विदेशी कंपनियों के प्रवेश को आसान बनाने हेतु सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को मौजूदा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कुल 15 कार्य दिवस होंगे।

    यह भी पढ़ें: कौन से हैं इंफ्रा के दो कमाई वाले स्टॉक, जिन पर मोतीलाल ओसवाल ने जताया भरोसा?

     

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें