हेल्थ इंश्योरेंस पर GST हटने से हुए बड़े फायदे, प्रीमियम कम हुआ तो बढ़ी डिमांड, रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े
पॉलिसीबाजार की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी हटने के बाद औसत हेल्थ इंश्योरेंस कवर जीएसटी से पहले के 14.5 लाख रुपये बढ़कर अब 19 लाख रुपये हो गया है। आंक ...और पढ़ें
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नई दिल्ली। हेल्थ इंश्योरेंस पर GST को घटाकर शून्य करने से हेल्थ कवर का आकार तेजी से बढ़ा है और औसत बीमा राशि में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पॉलिसीबाजार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी हटने के बाद औसत हेल्थ इंश्योरेंस कवर जीएसटी से पहले के 14.5 लाख रुपये बढ़कर अब 19 लाख रुपये हो गया है। इससे पता चलता है कि लोग अब ज्यादा राशि का हेल्थ कवर चुन रहे हैं, क्योंकि पहले के मुकाबले प्रीमियम में कमी आई है।
आंकड़ों से पता चलता है कि जीएसटी हटने के बाद ज्यादा बीमा राशि वाली पालिसी की मांग बहुत ज्यादा बढ़ी है। 10-25 लाख रुपये की सीमा में हेल्थ कवर में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि 25 लाख रुपये और उससे ज्यादा की पालिसी में 85 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है। इसके उलट, जीएसटी छूट के बाद 10 लाख रुपये से कम बीमा राशि वाली पालिसी में 24 प्रतिशत की गिरावट आई है जो ज्यादा बड़े कवरेज की तरफ साफ बदलाव दिखाता है।
रिपोर्ट से जुड़ी अहम बातें
2024 और 2025 के आंकड़ों की तुलना करने पर यह यह ट्रेंड और भी साफ दिखाई देता है। 10 लाख रुपये से कम बीमा राशि वाली पालिसी में साल-दर-साल 29 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, 10-25 लाख रुपये की पालिसी में 55.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि 25 लाख रुपये और उससे ज्यादा की पालिसी में 49.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एक साथ कई सालों का प्लान खरीदार रहे उपभोक्ता रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सबसे आम क्लेम की वजहों में दिल से जुड़ी बीमारियां, कैंसर और मोतियाबिंद हैं। मौसम संबंधी और संक्रामक बीमारियों के लिए भी क्लेम की संख्या ज्यादा थी। रिपोर्ट में एक साथ कई सालों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने का भी रुझान दिखाई दिया।
खरीदार स्थायित्व और बचत को पक्का करने के लिए ज्यादा लंबे प्रोटेक्शन पीरियड चुन रहे हैं। 2025 में, 18-35 साल के खरीदारों ने 30 परसेंट खरीदारी की। 35-45 साल के समूह ने 26 प्रतिशत और उसके बाद 46-60 साल के लोगों ने 23 प्रतिशत हेल्थ इंश्योरेंस खरीदा। 61 साल और उससे ज्यादा उम्र के खरीदारों का कुल खरीदारी में 21 प्रतिशत हिस्सा रहा।
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छोटे शहरों में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की मांग बढ़ी शहरों के आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि छोटे शहरों में हेल्थ इंश्योरेंस लेने की मांग बढ़ रही है। टियर 3 शहरों ने 2024 में अपना हिस्सा 63.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 2025 में 70 प्रतिशत कर लिया।
टियर 2 शहरों में 13.8 प्रतिशत से 14.3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई। जबकि टियर 1 शहरों में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग 2024 के 22.7 प्रतिशत से घटकर 15.7 प्रतिशत हो गया। शहरों में, दिल्ली और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा हेल्थ्य इंश्योरेंस की बु¨कग हुई। इसके बाद हैदराबाद, पुणे और मुंबई का नंबर आता है।

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