हिट एंड रन मामले में सरकार देगी 2 लाख का मुआवजा, जानिए कैसे करें क्लेम; स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
इस लेख में हिट एंड रन मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा योजना 2022 (Hit and Run compensation) के बारे में बताया गया है। इस योजना के तहत अज्ञात वाहन से दुर्घटना होने पर पीड़ित या उसके परिवार को 2 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है। मुआवजा पाने के लिए फॉर्म-I भरकर उप-मंडलीय अधिकारी को देना होता है। साथ ही कुछ जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होते हैं।
नई दिल्ली। कई बार हम ऐसी दर्दनाक खबरें सुनते हैं जहां सड़क हादसे (motor vehicle accident compensation) में घायल व्यक्ति को टक्कर मारने वाली गाड़ी का कोई पता ही नहीं चलता। इस तरह के मामलों में, जहां दोषी वाहन और उसका चालक अज्ञात होता है, वहां परिजनों को मुआवजा मिलना मुश्किल हो जाता है। ,
ऐसे मामलों में सरकार की "हिट एंड रन मोटर वाहन दुर्घटना मुआवजा योजना 2022" (hit and run case) पीड़ितों या उनके परिवारों के लिए राहत बनकर सामने आई है। ऐसी स्थिति में आप कैसे 2 लाख रुपये तक मुआवजा ले सकते हैं यहां हम स्टेप बाय स्टेप बता रहे हैं।
क्या होता है हिट एंड रन मामला?
जब किसी वाहन की टक्कर से व्यक्ति को गंभीर चोट या मौत होती है और गाड़ी व चालक की पहचान नहीं हो पाती, उसे हिट एंड रन (What is Hit and Run Case) केस माना जाता है।
क्या मिलता है मुआवजा?
सरकार की 1 अप्रैल 2022 की दरों के मुताबिक मौत पर मुआवजा ₹2,00,000 रुपये है। वहीं गंभीर चोट पर मुआवजा 50,000 रुपये है। Accident Compensationअगर गाड़ी की पहचान हो गई हो तो यह योजना लागू नहीं होती, ऐसे मामलों में MACT में दावा दाखिल करना होता है।
मुआवजा पाने के लिए जरूरी प्रोसेस– स्टेप बाय स्टेप समझें
स्टेप 1: आवेदन भरना
आपको फॉर्म-I भरना होगा (accident claim process) जो कि घायल व्यक्ति या मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा भरा जाता है।
जिला के उप-मंडलीय अधिकारी/तहसीलदार/SDO के पास आवेदन देना होता है।
स्टेप 2: जरूरी डॉक्यूमेंट लगाना
2. अस्पताल का कैशलेस इलाज बिल (यदि हो)
3. पीड़ित का पहचान पत्र और पता प्रमाण
4. दावेदार का पहचान पत्र और पता प्रमाण
5. पुलिस FIR की कॉपी
6. मौत की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट
7. मृत्यु प्रमाण पत्र या चोट की रिपोर्ट
स्टेप 3: जांच और रिपोर्ट
क्लेम जांच अधिकारी (CEO) एक महीने के भीतर फॉर्म-II में रिपोर्ट तैयार करता है। जो सही दावेदार की पहचान करता है।
स्टेप 4: मुआवजा मंजूरी
क्लेम सेटलमेंट कमिश्नर (CSC) (जैसे जिला मजिस्ट्रेट/कलेक्टर) 15 दिनों में फाइनल ऑर्डर फॉर्म-III में पास करते हैं।
स्टेप 5: पेमेंट
ऑर्डर के आधार पर General Insurance Council दावेदार के बैंक खाते में 15 दिनों के भीतर ई-पेमेंट करता है।
अगर गाड़ी की पहचान हो जाए तो क्या होगा?
तो हिट एंड रन स्कीम के तहत क्लेम नहीं लिया जा सकता। ऐसे में MACT (मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिबुनल) में मुआवजा क्लेम करना होता है।
गंभीर चोट की परिभाषा IPC की धारा 320 के अनुसार होगी। अगर पहले से गोल्डन अवर स्कीम (धारा 162) के तहत इलाज का भुगतान हुआ है, तो वह रकम मुआवजे से काट ली जाएगी। अगर कोई व्यक्ति पहले हिट एंड रन स्कीम से मुआवजा ले चुका है और फिर MACT से भी मुआवजा मिलता है, तो उसे स्कीम का पैसा वापस करना होगा।
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