Yes Bank, Paytm, हीरो मोटो, जेप्टो सहित 50 कंपनियों से सरकार ने किया करार, इनसे कैसा सपोर्ट चाहती है DPIIT
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 50 से अधिक कंपनियों के साथ समझौता किया है, जिनमें आईटीसी, फ्लिपकार्ट आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य स्टार्टअप कंपनियों के लिए विनिर्माण और नवाचार को बढ़ावा देना है। इस पहल में यस बैंक, पेटीएम, हीरो मोटो और जेप्टो जैसी कंपनियां शामिल हैं। यह समझौता स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन और सहयोग प्रदान करेगा।

नई दिल्ली।उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप कंपनियों के लिए विनिर्माण और नवोन्मेषण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने को अब तक आईटीसी, फ्लिपकार्ट और मर्सिडीज-बेंज सहित 50 से अधिक फर्मों के साथ समझौते किए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विभाग ने विनिर्माण इन्क्यूबेटर की स्थापना के महत्व और विनिर्माण स्टार्टअप के साथ सक्रिय सहयोग के लाभ पर जोर देने के लिए कई बड़ी कंपनियों, उद्योग संघों, दिग्गजों और यूनिकॉर्न से सक्रिय रूप से संपर्क किया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक, विभाग ने इसके लिए 50 से अधिक कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।’’
यह स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और उद्योग जगत को स्टार्टअप का समर्थन और सहयोग करके तथा विनिर्माण इन्क्यूबेटर विकसित करके विनिर्माण में नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने की पहल का एक हिस्सा है।
जिन कंपनियों ने डीपीआईआईटी के साथ ये समझौता ज्ञापन (एमओयू) किए हैं, उनमें
बोट
एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स
हीरो मोटो
जेप्टो
कोटक महिंद्रा बैंक
यस बैंक
पेटीएम
वॉलमार्ट
एथरएनर्जी शामिल हैं।
यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विनिर्माण स्टार्टअप को विकास और विस्तार के लिए कई पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों के समर्थन की आवश्यकता होती है। विनिर्माण-केंद्रित इन्क्यूबेटरस्टार्टअप के लिए समर्थन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक हैं क्योंकि ये आवश्यक पायलट, स्केलिंग और विनिर्माण सुविधाएं प्रदान करते हैं जो उत्पाद स्टार्टअप को ‘प्लग-एंड-प्ले’ यानी कामकाज के लिए तैयार विकल्प प्रदान कर सकते हैं, जिससे उच्च-पूंजीगत निवेश का बोझ कम होता है।
ये इन्क्यूबेटर स्टार्टअप को नवीन उत्पाद विकास और प्रारंभिक चरण के विनिर्माण का समर्थन करने के लिए साझा सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे परिवेश के विकास और विस्तार का मार्ग प्रशस्त होता है।
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