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    30 साल की लीज पर लीजिए किला या हवेली, बनाइए हेरिटेज होटल और कमाइए लाखों! ये राज्य दे रहा मौका

    मध्य प्रदेश सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल की है। सरकार ऐतिहासिक धरोहरों हेरिटेज इमारतों और पर्यटन स्थलों को लीज (tourism investment) पर दे रही है। इस योजना के तहत सरकार होटल मोटल या रिसॉर्ट्स के लिए सब्सिडी भी प्रदान करेगी। यह योजना हॉस्पिटैलिटी उद्योग से जुड़े लोगों स्टार्टअप्स एनजीओ और स्थानीय उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर है।

    By Ashish Kushwaha Edited By: Ashish Kushwaha Updated: Fri, 01 Aug 2025 02:16 PM (IST)
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    धरोहरों को आम जनता के लिए भी एक अवसर में बदला जा रहा है।

     नई दिल्ली। आज हम आपको उस राज्य की अनूठी पहल के बारे में बताएंगे जिसे भारत का दिल कहा जाता है। यहां न केवल प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीव और सांस्कृतिक विविधता है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक धरोहरें भी देश और विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। जी हां हम जिस प्रदेश की बात कर रह हैं उसका नाम मध्य प्रदेश है। अब मध्य प्रदेश सरकार ने इन धरोहरों को आम जनता के लिए भी एक अवसर में बदल दिया है।

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    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रीवा में हुए दो दिन चले रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में बताया कि राज्य सरकार 100 करोड़ रुपये के निवेश वाले पर्यटक होटलों, मोटल या रिसॉर्ट्स के लिए 30 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देगी और स्वास्थ्य पर्यटन के तहत समान स्तर के वेलनेस सेंटरों के लिए 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देगी।

    उन्होंने कहा कि रोजगार से जुड़े उद्यमों के लिए सरकार प्रत्येक काम करने वाले पुरुष को 5,000 रुपये तथा महिला को 6,000 रुपये की हर महीने सहायता 10 सालों तक देगी।

    क्या है सरकार का प्लान?

    मध्यप्रदेश की नई पर्यटन नीति के तहत अब ऐतिहासिक धरोहरों, हेरिटेज इमारतों और पर्यटन स्थलों को लीज पर दिया जा रहा है, जिससे कोई भी इच्छुक व्यक्ति, संस्था या कंपनी उन्हें विकसित कर सकती है, वहां सुविधाएं प्रदान कर सकती है और इससे व्यवसायिक रूप से लाभ कमा सकती है।

    यह पॉलिसी ‘पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप’ (PPP) मॉडल पर आधारित है, जिसका मकसद है ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, आधुनिक सुविधाओं का विकास और पर्यटन को बढ़ावा देना।

    किन लोगों के लिए है यह मौका?

    यह योजना खासकर उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर है जो हॉस्पिटैलिटी या होटल उद्योग से जुड़े हैं, जिनका सपना है कि वे हेरिटेज होटल या रिसॉर्ट खोलें, स्टार्टअप्स जो इवेंट, कैफे, आर्ट गैलरी या हैंडीक्राफ्ट्स के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसके एनजीओ, ट्रैवल कंपनियाँ, आर्टिस्ट्स और लोकल उद्यमियों के लिए है।

    कैसे काम करेगा यह मॉडल?

    लीज पर आवंटन

    सरकार ऐतिहासिक इमारतों और स्थलों को 30 साल तक की लीज पर देगी, जिसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है।

    विकास की छूट

    लीजधारी को संरचना में बदलाव की अनुमति सीमित रूप में होगी, जिससे उसका हेरिटेज स्वरूप नष्ट न हो। लेकिन सुविधाएं जैसे होटल के कमरे, रेस्तरां, वॉशरूम, लाइटिंग, इंटीरियर आदि तैयार किए जा सकते हैं।

    कमाई का मौका

    विकसित स्थल पर होने वाली कमाई (जैसे होटल का किराया, इवेंट बुकिंग, एंट्री टिकट आदि) का एक हिस्सा सरकार को तय शुल्क के रूप में दिया जाएगा, बाकी लाभ लीजधारी का होगा।

    कौन-कौन सी जगहें हैं शामिल?

    मध्यप्रदेश में 20 से अधिक ऐसी हेरिटेज संपत्तियाँ हैं जिन्हें निजी निवेश के लिए खोला जा रहा है। इनमें

    • पुराने किले
    • हवेलियाँ
    • ब्रिटिश कालीन बंगले
    • रेस्ट हाउस
    • ऐतिहासिक कुंड और घाट शामिल हैं

    उदाहरण के तौर पर ग्वालियर, मांडू, ओरछा, चंदेरी, धार, उज्जैन जैसे शहरों में कई हेरिटेज संपत्तियाँ हैं जो इस योजना के अंतर्गत लीज पर दी जाएंगी।

    क्या लाभ होगा?

    1. सरकार को होने वाला फायदा

    हेरिटेज संपत्तियों का संरक्षण, पर्यटन से आय में वृद्धि, स्थानीय रोजगार का सृजन।

    2. निवेशकों को होने वाला फायदा

    कम लागत में ऐतिहासिक, अनोखी और पहले से आकर्षक जगह पर व्यवसाय खड़ा करने का मौका।

    3. स्थानीय जनता को होने वाला फायदा

    रोजगार, लोकल उत्पादों की बिक्री और सांस्कृतिक समृद्धि का लाभ मिलेगा।

    कैसे करें आवेदन?

    राज्य सरकार ने Madhya Pradesh Tourism Board के माध्यम से एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है जहाँ इच्छुक निवेशक आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया पारदर्शी है और तकनीकी समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाता है।