कौशल विकास में बड़ा बदलाव: केंद्र सरकार ला रही नई राष्ट्रीय कौशल विकास नीति, अब तक 1.64 करोड़ युवा हुए प्रशिक्षित
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की स्थापना के एक दशक पूरे होने पर मंत्री जयन्त चौधरी ने बताया कि भारत के स्किल ईको सिस्टम में बड़ा बदलाव आया है। केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय कौशल विकास नीति लागू करने जा रही है पिछली नीति 2015 में बनी थी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चार चरणों में 1.64 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की स्थापना का एक दशक पूरा होने पर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री जयन्त चौधरी ने दावा किया कि इस दौरान भारत के स्किल ईको सिस्टम में बड़ा बदलाव आया है।
पहले अलग-अलग मंत्रालय कौशल विकास के लिए कुछ-कुछ काम करते थे, लेकिन इस मंत्रालय की स्थापना के बाद प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चार चरणों में अब तक कुल 1,64,11,441 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब वैश्विक बाजार के बदलावों और आवश्यकताओं को देखते हुए केंद्र सरकार एक दशक बाद नई राष्ट्रीय कौशल विकास नीति लागू करने जा रही है।
पिछली नीति वर्ष 2015 में बनी थी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की सफलता और उसके प्रति युवाओं के आकर्षण का आकलन इन आंकड़ों से भी किया जा सकता है कि 2015-16 में चले पहले चरण में जहां 19,86,916 अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण लिया, वहीं 2016 से 2020 के दूसरे चरण में 1,10,00,816 अभ्यर्थी थे।
वर्ष 2020 से 2022 तक तीसरे चरण में 7,37,502 तो वर्तमान में चल रहे चौथे चरण में अब तक 26,87,107 अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुल कौशल प्रशिक्षित 1,64,11,441 अभ्यर्थियों में 45 प्रतिशत महिला, 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति, पांच प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 34 प्रतिशत ओबीसी की भागीदारी है।
कितने स्कूल ड्राप आउट को रोजगार या स्वरोजगार के योग्य बनाने में सफलता मिली से जुड़े सवाल पर जयन्त चौधरी ने कहा कि इसके सटीक आकलन के लिए ही श्रम मंत्रालय से अनुरोध कर नाट इन एजुकेशन, इंप्लायमेंट एंड ट्रे¨नग के आंकड़ों को पीएलएफएस में शामिल कराया गया है।
कितने युवाओं को रोजगार या स्वरोजगार कौशल विकास योजनाओं के कारण मिला, इसे ट्रेस करने के लिए भी सिस्टम बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बजट की घोषणा के अनुसार सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए लुधियाना, चेन्नई, कानपुर, भुवनेश्वर और हैदराबाद के नेशनल स्किल ट्रे¨नग इंस्टीट्यूट को चिन्हित कर लिया गया है। वहीं, बजट में ही घोषित 30 इंटरनेशनल स्किल सेंटर की स्थापना के प्रश्न पर बताया कि वाराणसी और भुवनेश्वर में इनकी स्थापना हो चुकी है।
चूंकि, वहां विदेश में नौकरी, वहां की भाषा का प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था करनी होती है, इसलिए अन्य देशों से शेष सेंटरों के संबंध में बातचीत चल रही है। इसके अलावा अन्य देशों में यहां के कौशल प्रशिक्षित युवाओं को आसानी से काम मिल सके, इसलिए कौशल के वैश्विक मानक तय करने पर भी जी-20 में शामिल देशों और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साथ मिलकर काम चल रहा है।
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