Khadi Vikas Yojana: शुरू करें खुद का खादी व्यापार, सरकार करेगी ₹120000 तक की मदद; जानिए कैसे मिलेगी सब्सिडी
Khadi entrepreneurship खादी विकास योजना (KVY) सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत एक व्यापक सरकारी पहल है जिसे खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा खादी क्षेत्र को बढ़ावा देने और ग्रामीण कारीगरों के लिए स्थायी आजीविका पैदा करने के लिए कार्यान्वित किया जाता है। सरकार इस योजना के जरिए कारीगरों की आर्थिक मदद करती है।

नई दिल्ली। Khadi Vikas Yojana: भारत सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर छोटे एवं मझोले उद्योग तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।
सरकार MSME को बढ़ावा देने के लिए जिले से लेकर राज्य और केंद्र स्तर तक की योजनाएं चलाती है। देश में खादी उद्योग को बचाने और इसे बढ़ाने के लिए सरकार खादी विकास योजना भी चलाती है। इस योजना के जरिए अपना खादी उद्योग शुरू करने वाले या खादी उद्योग करने वाले छोटे एवं मझोले व्यापारियों को सरकार आर्थिक मदद भी मुहैया करा रही है।
खादी विकास योजना के जरिए आप भी अपना खादी उद्योग शुरू कर सकते हैं। इसमें सरकार भी आपकी आर्थिक मदद करेगी।
Khadi Vikas Yojana का क्या है उद्देश्य?
खादी ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत खादी विकास योजना चलाई जा रही है। KHADI GRAMODYOG VIKAS YOJANA एक अंबरेला स्कीम है। इस योजना के जरिए सरकार खादी उद्योग को बढ़ावा देने के साथ कारीगरों की उत्पादकता और मजदूरी में वृद्धि करना चाहती है। इसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं;
- खादी कारीगरों की उत्पादकता और मजदूरी में वृद्धि करना और आजीविका सुरक्षित करना।
- खादी उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करना।
- खादी उत्पादन, बिक्री और रोजगार में वृद्धि करना।
- ग्रामोद्योगों का विकास और ग्रामीण कारीगरों की संख्या में वृद्धि करना।
- ग्रामीण कारीगरों के पारंपरिक और अंतर्निहित कौशल को पुनर्जीवित करना।
- बिक्री केंद्रों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण करना।
- मार्केटिंग और निर्यात को बढ़ावा देना।
Khadi Vikas Yojana के तहत उद्यम शुरू करने पर मिलती है सब्सिडी
खादी विकास योजना (Khadi Vikas Yojana) के जरिए अगर आप खादी उद्योग शुरू करते हैं तो इसमें सरकार आपकी मदद करती है। आपको खादी उत्पादों की बिक्री पर 20-35% तक की सब्सिडी मिल सकती है। इस योजना के तहत चलने वाली योजनाएं पर अलग-अलग सब्सिडी मिलती है। जैसे-
संशोधित बाजार विकास सहायता (MMDA scheme) के लिए कपास/मलमल, ऊन और पॉली वस्त्र के लिए मूल लागत पर 35% की दर से सब्सिडी और रेशमी खाद के लिए मूल लागत पर 20% की दर से सब्सिडी मिलेगी।
Interest Subsidy Eligibility Certificate Scheme (ISEC) के तहत खादी संस्थाओं को केवल 4% ब्याज दर का भुगतान करना होता है। बैंक द्वारा लिए गए वास्तविक ब्याज और 4% के बीच का अंतर KVIC द्वारा "ब्याज सब्सिडी" के रूप में वहन किया जाता है।
खादी कारीगरों के लिए वर्क-शेड योजना (Workshed financial assistance) के तहत व्यक्तिगत वर्कशेड (20 वर्ग मीटर) के लिए 1,20,000/- रुपये या शौचालय सहित वर्कशेड की लागत का 75% (एनईआर के लिए 90%) की सब्सिडी, जो भी कम हो। अगर ग्रुप में है तो इसके लिए Rs.80,000 या फिर 75% एनईआर के लिए 90%) की सब्सिडी मिलती है।
Khadi Vikas Yojana का किसे मिलता है लाभ?
Khadi Vikas Yojana का लाभ उठाने के लिए कुछ पात्रता हैं। जैसे आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर आप व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपको खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) या किसी राज्य खादी बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड होना आवश्यक है। इसके लिए आवेदक की आयु सीमा 18 वर्ष से लेकर 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। विशेष श्रेणी के तहत ग्रामीण कारीगर, महिला उद्यमी, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और BPL धारक के लोगों को प्राथमिकता दी जाती है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको KVIC की आधिकारिक वेबसाइट (kviconline.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
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