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    नई टैक्स रिजीम के तहत ELSS फंड में निवेश करना फायदेमंद है या नहीं? लॉक-इन समेत और क्या-क्या हैं नुकसान, जान लीजिए

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 12:01 PM (IST)

    इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेशकों की बढ़ती रुचि के कारण लोग इसके फायदे और नुकसान पर भी फोकस कर रहे हैं। ELSS फंड्स में 3 साल की लॉक-इन अवधि जैसी कुछ कमियां हैं पर फायदे अनेक हैं। यह अनुशासित लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प है और लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग रिटर्न का फायदा देता है। हालांकि नई टैक्स रिजीम में इसका टैक्स बेनेफिट नहीं मिलता।

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    ईएलएसएस फंड के कई फायदे और नुकसान हैं

    नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS Funds) की तरफ निवेशकों का रुझान काफी बढ़ा है। इसी बढ़ती लोकप्रियता के चलते, लोग अब ELSS फंड्स के फायदे और नुकसान भी जानना चाहते हैं। 3 साल की लॉक-इन अवधि के जैसी कमी के अलावा ELSS फंड्स में ज्यादा खामियां नहीं होतीं। पर ELSS के फायदे कई हैं। आइए जानते हैं इसके क्या लाभ और नुकसान हैं।

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    ELSS के फायदे

    कम्पाउंडिंग रिटर्न का फायदा

    आमतौर पर इक्विटी फंड्स में 5-10 वर्षों की लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह दी जाती है। ईएलएसएस फंड, 3 साल की लॉक-इन अवधि के चलते, एक अनुशासित लॉन्ग टर्म निवेश ऑप्शन है। इस प्रोसेस में, यह निवेशकों को लंबी अवधि में कम्पाउंडिंग रिटर्न की शक्ति का फायदा उठाने में मदद करता है।

    3 सालों के बाद रिडम्पशन जरूरी नहीं

    यदि निवेशक ईएलएसएस फंड से मिले रिटर्न से संतुष्ट हैं, तो वे इसे जारी रख सकते हैं। 3 वर्षों की अवधि के बाद रिडम्पशन जरूरी नहीं है। यह केवल न्यूनतम निवेश अवधि है। हालाँकि, कोई अधिकतम निवेश अवधि नहीं है।

    हाई रिटर्न

    ईएलएसएस फंड इक्विटी योजनाओं में निवेश करते हैं। इसलिए इनका रिटर्न अधिक (10-12%) होता है। ईएलएसएस औसतन 10-12% के बीच रिटर्न देते हैं। यह 5 साल की अवधि में पीपीएफ और एफडी जैसे सेफ विकल्पों की तुलना में सबसे अधिक है।

    SIP विकल्प उपलब्ध

    ईएलएसएस में निवेश करते समय, निवेशक एसआईपी विकल्प चुन सकते हैं। यह निवेशक को लगातार एक तय अंतराल पर निश्चित राशि निवेश करने की सुविधा देता है। यह सैलरी क्लास के लोगों को अपनी बचत से समय-समय पर, आमतौर पर हर महीने, एक तय राशि निवेश करने की सुविधा देता है।

    सेफ और ट्रांसपैरेंट

    म्यूचुअल फंड में निवेश बहुत ट्रांसपैरेंट होता है। सभी म्यूचुअल फंड कंपनियां सेबी के दायरे में आती हैं, और उन्हें आवश्यक खुलासे करने होते हैं।

    ELSS के नुकसान

    नई टैक्स रिजीम में टैक्स बेनेफिट नहीं

    पुरानी टैक्स रिजीम में ELSS से 1.5 लाख रु तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती थी। पर नई टैक्स रिजीम में ये बेनेफिट नहीं मिलता। ऐसे में किसी के भी मन में सवाल आएगा कि फिर क्यों न किसी अन्य इक्विटी फंड में निवेश किया जाए, जिसमें न लॉक-इन पीरियड हो और अधिक रिटर्न की उम्मीद रहे। क्योंकि इसमें नई टैक्स रिजीम के तहत कोई बेनेफिट नहीं।

    लॉक-इन पीरियड भी एक नुकसान

    लॉक-इन पीरियड भी एक नुकसान है। क्योंकि  यदि 3 साल के दौरान आपको लगे कि आपके ELSS फंड से बेहतर कोई और निवेश ऑप्शन परफॉर्म कर रहा है तो भी आप उससे पैसा नहीं निकाल सकते।

    जोखिम भी होता है

    ईएलएसएस इक्विटी में निवेश करते हैं। इसलिए इसमें जोखिम भी है। क्योंकि इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स अस्थिर होते हैं। इन सभी फायदों और नुकसान की तुलना करके आप देख सकते हैं कि ईएलएसएस आपके लिए फायदेमंद है या नहीं।

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