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    ETF vs Mutual Fund: आपके पैसों के लिए कौन बेहतर, कहां मिलता है ज्यादा रिटर्न; सबकुछ जानें

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 07:34 PM (IST)

    ETF Vs Mutual एक निवेशक के तौर पर अगर आपको एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) और म्यूचुअल फंड्स के बीच प्रमुख अंतरों को समझना बेहद जरूरी है। दोनों ही  विविध पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं। अगर आप शेयर बाजार में सीधे निवेश नहीं करना चाहते हैं तो इन दोनों के जरिए कर सकते हैं।

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    ETF Vs Mutual: आपके पैसों के लिए कौन बेहतर, कहां मिलता है ज्यादा रिटर्न; सबकुछ जानें

    नई दिल्ली। ETF Vs Mutual: आज के समय में लोग पैसे से पैसा कमाने के लिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं। लेकिन बहुत से लोग सीधे निवेश न करके दूसरे रास्तों को अपनाते हैं। जैसे कोई म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करता है तो कोई ईटीएफ के जरिए।

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    शेयर बाजार में सीधे निवेश करने की बजाए Mutual Fund या फिर ETF में निवेश करने से पैसों के डूबने का रिस्क थोड़ा कम होता है। लेकिन रिस्क होता है। अब दूसरा सवाल यह है कि आखिर इन दोनों में बेहतर क्या है। और दोनों में अंतर क्या है? आइए जानते हैं।

    आगे बढ़ें इससे पहले इन दोनों के बारे में जान लेते हैं कि आखिर म्यूचुअल फंड क्या होता (What is Mutual Fund) है। और ईटीएफ क्या होता (What is ETF) है।

    क्या होता है म्यूचुअल फंड?

    म्यूचुअल फंड एक प्रकार का निवेश माध्यम है। शेयर बाजार में आप सीधे शेयर खरीदते हैं लेकिन म्यूचुअल फंड में ऐसा नहीं होता। आप म्यूचुअल फंड कंपनियों से फंड खरीदते हैं। तरह-तरह के फंड होते हैं। फिर फंड मैनेजर आपके पैसों को स्टॉक, बॉन्ड और अन्य एसेट्स में निवेश करते हैं। यह एक तरह का डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो होता है।

    यह भी पढ़ें- SIP या फिर लमसम, म्यूचुअल फंड में कौन देता है ज्यादा रिटर्न? पांच पॉइंट में समझें पूरा कैलकुलेशन

    Mutual Fund का प्रबंधन एक पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा किया जाता है, जिससे व्यक्तिगत निवेशकों को अलग-अलग जोखिम और रिटर्न प्रोफाइल वाले निवेशों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच मिलती है।

    क्या होता है ETF?

    ईटीएफ भी काफी हद तक म्यूचुअल फंड की ही तरह होता है। यहां बस एक अंतर होता है। ये सीधे एक्सचेंज यानी NSE या BSE के जरिए खरीदे और बेचे जा सकते हैं।  एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) स्टॉक या बॉन्ड जैसी परिसंपत्तियों से बना निवेशों का एक समूह है, जो आपको एक साथ कई प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति देता है। यहां भी डायवर्सिफिकेशन देखने को मिलता है।

    ETF Vs Mutual Fund: दोनों में क्या है अंतर

    ईटीएफ और MF में निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके उसे विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। मुख्य अंतर उनके संचालन के तरीके में है। ईटीएफ एक इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जो मूलतः उस इंडेक्स पर आधारित विभिन्न कंपनियों के शेयरों की एक लिस्ट होती है। इसके विपरीत, म्यूचुअल फंड का प्रबंधन पेशेवरों द्वारा किया जाता है जो यह तय करते हैं कि कौन सी प्रतिभूति खरीदनी या बेचनी हैं।

    फैक्टर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) म्यूचुअल फंड्स
    ट्र्रेडिंग ईटीएफ का कारोबार शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर होता है। आप बाजार के समय के दौरान कभी भी खरीद/बेच सकते हैं। म्यूचुअल फंड को बाजार बंद होने के बाद दिन में एक बार एनएवी मूल्य पर खरीदा/बेचा जाता है
    मूल्य में उतार-चढ़ाव ईटीएफ की कीमत बाजार की मांग और आपूर्ति के आधार पर पूरे दिन बदलती रहती है। मूल्य प्रतिदिन एक बार नेट एसेट वैल्यू (NAV) के आधार पर तय किया जाता है।
    न्यूनतम निवेश आप केवल एक यूनिट में निवेश कर सकते हैं (बाजार मूल्य जितना कम)। अधिकांश म्यूचुअल फंडों में न्यूनतम निवेश आवश्यकता होती है (जैसे ₹500-₹1,000)।
    एक्सपेंस रेशियो ईटीएफ का व्यय अनुपात आमतौर पर कम होता है। सक्रिय प्रबंधन के कारण म्यूचुअल फंडों का व्यय अनुपात थोड़ा अधिक हो सकता है।
    प्रबंधन शैली अधिकांशतः निष्क्रिय रूप से प्रबंधित, सूचकांक पर नजर रखना। सक्रिय या निष्क्रिय रूप से प्रबंधित किया जा सकता है।
    लिक्विडिटी उच्च तरलता, क्योंकि वे एक्सचेंज-ट्रेडेड हैं। तरलता म्यूचुअल फंड के प्रकार पर निर्भर करती है, एक्सचेंजों पर कारोबार पर नहीं।
    ट्रांजेक्शन लागत प्रत्येक व्यापार पर ब्रोकरेज शुल्क लागू होता है। कोई ब्रोकरेज नहीं, लेकिन कुछ फंड प्रवेश/निकास भार ले सकते हैं।
    उपयुक्तता अनुभवी निवेशकों के लिए उपयुक्त जो बाजार पर सक्रिय रूप से नजर रखते हैं। पेशेवर फंड प्रबंधन की तलाश कर रहे दीर्घकालिक निवेशकों के लिए आदर्श।

    ETF का स्टॉक एक्सचेंजों पर सक्रिय रूप से कारोबार किया जा सकता है, व्यक्तिगत शेयरों की तरह, जो वास्तविक समय में खरीद और बिक्री की लचीलापन प्रदान करते हैं।

    आपके लिए कौन सा निवेश सही है?

    ETF  और म्यूचुअल फंड के बीच चुनाव करते समय, व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और सक्रिय या निष्क्रिय प्रबंधन की प्राथमिकताओं के अनुसार चुनाव करना महत्वपूर्ण है। ईटीएफ लचीलापन और रीयल-टाइम ट्रेडिंग लाभ प्रदान करते हैं, जिससे निवेशक पूरे कारोबारी दिन खरीद और बिक्री कर सकते हैं।

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    दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड पेशेवर फंड मैनेजरों की विशेषज्ञता प्रदान करते हैं जो सक्रिय रूप से पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए रणनीतिक निर्णय लेते हैं। इन अंतरों को समझने से निवेशक अपने विशिष्ट वित्तीय उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के आधार पर सोच-समझकर चुनाव कर पाते हैं।